नयी दिल्ली। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने सरकार कई पहलुओं को ध्यान में रखकर काम कर रही है इसी कड़ी में सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग नीति में बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने नई इलेक्ट्रिक व्हीकल गाइडलाइन जारी की हैं। नई गाइडलाइन के मुताबिक प्रत्येक शहर को तीन किलोमीटर लंबे तीन किलोमीटर चौड़े चार्जिंग ग्रिड से जोड़ा जाएगा, साथ ही एक्सप्रेस वे पर हर 25 किमी पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन खोले जाएंगे। साथ ही सरकार ने पब्लिक चार्जिंग स्टेशन को छूट दी है।


ध्यान देने वाली बात ये है कि नई गाइडलाइन में सरकार ने फैसला किया है कि हाईवे के दोनों तरफ प्रत्येक 25 किमी पर चार्जिंग स्टेशन खोले जाएंगे। सरकार की तरफ से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक प्रथम चरण में 2011 की जनगणना के हिसाब से 40 लाख से ज्यादा की आबादी वाले शहरों को जोड़ा जाएगा। इन शहरों के सभी एक्सप्रेस-वे को मैगासिटीज से कनेक्ट किया जाएगा और कवरेज का दायरा बढ़ाया जाएगा। वहीं दूसरे चरण में बड़े शहरों जैसे राज्य की राजधानियों, केंद्र शासित प्रदेशों जैसे बड़े शहरों को कवर किया जा सकता है। दिसंबर 2018 में उर्जा मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए गाइडलाइन और मान जारी किए थे। वहीं


इस नए ब्लूप्रिंट में काफी बदलाव किये गए है वहीं सरकार ने यह भी साफ किया है कि ज्यादातर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन घरों या दफ्तरों में खोले जाएंगे, जहां फास्ट या स्लो चार्जर का उपयोग करने का फैसला ग्राहकों का होगा। अगर निजी उपयोग के लिए घर पर चार्जिंग स्टेशन खोलना चाहते हैं तो खोल सकते हैं, लेकिन अगर ऑफिस में चार्जिंग स्टेशन खोलना चाहते हैं, तो इसके लिए पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी डिस्कॉम की मदद लेनी होगी। वहीं सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि पब्लिक चार्जिंग स्टेशन के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने इसे सर्विस की श्रेणी में रखा है, जिसके लिए इस पर कमीशन और सर्विस चार्ज फिक्स होगा। गाइडलाइन के मुताबिक पब्लिक चार्जिंग स्टेशन के मालिकों को CCS, CHAdeMO, Type-2 AC, Bharat AC 001 जैसे चार्जर इंस्टॉल करने होंगे।


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