पाकिस्तानी सिंगर और एक्ट्रेस मीशा शफी ने पाकिस्तानी एक्टर और सिंगर अली जफ़र पर 2 अरब पाकिस्तानी रूपयों का मुकदमा ठोंका है। लाहौर कोर्ट में फाइल किए गए इस मुकदमे में मीशा ने अली जफर पर आरोप लगाया है कि अली जफर ने मीशा पर पूरी तरह से बेबुनियाद और गलत बयान दिए हैं।



मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मीशा ने 1 अरब का डैमेज मुकदमा, मानसिक टॉर्चर के लिए और इसके अलावा उन्होंने 1 अरब का मुकदमा, गुडविल और उनकी छवि को खराब करने के लिए लगाया है। मीशा ने इसके अलावा कोर्ट से ये भी दरख्वास्त की है कि कोर्ट एक आदेश पास करे जिसमें ये कहा जाए कि उन्हें लेकर अली जफर के बयान एकदम बेबुनियाद और झूठ हैं और ये केवल मीशा के ब्रैंड और उनकी पब्लिक छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए किए गए हैं।



गौरतलब है कि पिछले मीटू मूवमेंट के दौरान मीशा ने आरोप लगाया था कि जफर ने उन्हें दो से ज्यादा दफा हैरेस करने की कोशिश की थी। सिंगर और एक्ट्रेस मीशा ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के सहारे बताया था कि कैसे जफर ने उनका शारीरिक उत्पीड़न किया था। मीशा के उस पोस्ट के एक हिस्से में लिखा था, मैं एक मशहूर, स्थापित महिला हूं जो अपने दिल की बात लोगों के साथ साझा कर सकती है, इसके बावजूद मेरी जैसी स्ट्रॉन्ग महिला को ये सब सहना पड़ा। दो बच्चों की मां के तौर पर मुझे ये उत्पीड़न सहना पड़ा। उन्होंने इस पोस्ट में दूसरी महिलाओं से भी रिक्वेस्ट की थी कि उन्हें अपने साथ हुए बुरे बर्ताव या उत्पीड़न को लेकर खुल कर आवाज उठानी चाहिए।



मीशा के इस बयान पर अली जफर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में कहा था - मैं मीशा शफी द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों और उत्पीड़न के दावों को खारिज करता हूं और मैं इस मामले में कोई आरोप लगाने के बजाए कोर्ट का रास्ता लेते हुए इसे प्रोफेशनली और गंभीरता से लेना चाहता हूं। इसके सहारे मैं ये भी कहना चाहता हूं कि मेरे खिलाफ लगाए गए इन आरोपों के सहारे मीटू मूवमेंट, मेरे परिवार, मेरे फैंस और इंडस्ट्री को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। जफर ने उस दौरान मीशा पर 1 अरब रुपयों का मीशा पर मुकदमा भी ठोंका था। गौरतलब है कि मीशा की टीम ने मई में जफर को एक लीगल नोटिस भी भेजा था।

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