इसरो का बेहद ही महत्वकांक्षी मिशन चंद्रयान २ के तक़रीबन पूरी तरह से सफल होने के बाद अब भारतीय वैज्ञानिक अपने नए मिशन की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं, बता दें की ओडिशा के बलांगीर के विंग कमांडर निखिल रथ ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पहले मानव मिशन गगनयान 2021 के लिए प्रशिक्षण लेने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के चयन के प्रारंभिक चरण को पूरा कर लिया है। इस मिशन के तहत जिनका जिनका चयन किया गया है उन्हें बतौर अंतरिक्षयात्री की ट्रेनिंग दी जाएगी। फिलहाल तो जैसा की बताया जा रहा है अभी तक इसके लिए 25 पायलट का नाम शॉर्टलिस्ट हुआ है, इसमें ओडिशा के निखिल रथ एक हैं। अंतरिक्ष मिशन के लिए इन्हें एक साल के लिए रूस में प्रशिक्षण दिया जाएगा। अगर भारतीय वायु सेना के पायलट निखिल रथ को अंतिम सूची में चुना जाता है, तो वह सात दिवसीय मिशन के लिए अंतरिक्ष में जाने वाले तीन अंतरिक्ष यात्रियों में से एक होंगे।


निखिल रथ के पिता अशोक रथ बालांगीर में सीनियर वकील हैं और मां कुसुम रथ महिला आयोग की सदस्य हैं। 1998 में बालांगीर के केंद्रीय विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद निखिल ने 2000 में दिल्ली पब्लिक स्कूल से इंटर किया था। इसके बाद उन्होंने पहले ही कोशिश में नेशनल डिफेंस एकेडमी क्लीयर कर लिया और कैडेट के रूप में इसे ज्वॉइन किया। वह 2003 में इंडियन एयरफोर्स में शामिल हुए। विंग कमांडर निखिल रथ के पिता अशोक रथ ने कहा कि, अंतरिक्ष में जाना निश्चित रूप से एक जोखिम भरा काम है। लेकिन हमारा परिवार राष्ट्र की सेवा करता रहा है। अशोक रथ बताते हैं कि उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी थे। उनके बड़े भाई केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में कमांडेंट थे जिनकी मिजोरम में शहादत हो गई थी। वह खुद भी सेना में जाना चाहते थे, लेकिन कुछ दुर्भाग्यपूर्ण हालात की वजह से ये ना हो पाया,अब मेरा बेटा देश की सेवा कर रहा है।


क्या है मिशन गगनयान


10,000 करोड़ बजट वाले इस मिशन की घोषणा पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। गगनयान मिशन के तहत, तीन अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर इसरो का एक अंतरिक्ष यान 2021 में उड़ान भरेगा। इसरो और भारतीय वायुसेना इस प्रोजेक्ट में मिलकर काम कर रहे हैं। वायुसेना अपने पायलटों में से चयन करके तीन अंतरिक्षयात्री इसरो को देगी। इसके बाद इसरो उन्हें ट्रेनिंग देगा। भारत का यह महत्वकांक्षी मिशन है, जिसमें तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में सात दिन की यात्रा के लिए भेजा जाएगा। 

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