अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के काफिले में हर वाहन खास होगा। वह किसी भी आपात स्थिति से निपटने में सक्षम होंगे। काफिले की शुरुआत में नौ अत्याधुनिक बाइक सवार (स्वीपर्स) चलेंगे। इसके बाद बाकी वाहनों में बीस्ट कार भी शामिल रहेगी। हेलीकॉप्टर से निगरानी होगी। काफिले में अमेरिकी डॉक्टर, नर्स सहित अन्य स्टाफ भी होगा। शनिवार को मरीन सहित दो हेलीकॉप्टर और बीस्ट गाड़ी सहित कई वाहन आगरा पहुंच गए। इन्हें विमानों से लाया गया। जिनकी निगरानी की जा रही है।

 

वाहनों की खासियत

स्वीपर्स : ट्रंप की सुरक्षा में यह सबसे आगे चलते हैं। नौ बाइक सवार अमेरिकी पुलिसकर्मी होते हैं। यह पलक झपकते किसी खतरे को भांप लेते हैं। यह एंटी हाईजैकिंग ड्राइविंग में माहिर होते हैं।

 

रूट कार : काफिले में रूट कार होती है। यह पुलिस की बीएमडब्ल्यू होती है।

 

लीड कार : काफिले में यह कार अहम है। यह बीस्ट कार से आगे चलती है। इसमें सुरक्षा कर्मी सवार होते हैं।

 

बीस्ट : अमेरिकी राष्ट्रपति की यह कार है। यह कार किसी भी तरीके के हमले को झेल सकती है। साथ ही इसमें नाइट विजन कैमरा से लेकर हथियार व अन्य उपकरण लगे हैं।

 

स्पेयर कार : बीस्ट गाड़ी के ठीक पीछे चलती है। यह गाड़ी हुबहू बीस्ट की तरह होती है। हमलावरों को भटकाने के लिए यह कार होती है।

 

हॉफ बैक: काफिले की इस गाड़ी में क्लोज प्रोटक्शन ग्रुप के सुरक्षा कर्मी सवार होते हैं।

 

वाच टॉवर: रिमोट कंट्रोल बम और हथियारों को रोकने में यह वाहन कारगर है। यह वाहन किसी भी खतरे को जल्द भांप लेता है।

 

कंट्रोल कार: न्यूक्लियर बटन के साथ सैन्य अफसर इसी में बैठते हैं।

 

हॉक आइ: काफिले में शामिल इस कार में सीक्रेट सर्विस काउंटर असाल्ट टीम रहती है।

 

हजमत यूनिट: काफिले में सेंसर से लैस टीम रहती है। यह टीम बायोलॉजिकल, न्यूक्लियर और केमिकल हमले से बचाती है। टीम के पास कई खास तरीके के उपकरण होते हैं।

 

दो सपोर्ट बस: इसमें ट्रंप के सुरक्षा घेरा बनाने वाले कर्मी बैठते हैं। कार रुकने से पूर्व यह उतरकर घेरा बना लेते हैं।

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