नयी दिल्ली। महाराष्ट्र में चल रहे राजनीति कि गति थम सकती है। ऐसा कहा जा रहा है कि शिवसेना आज 12 नबंवर 2019 को सरकार बनाने का दावा पेश किया जा सकता है।मिली जानकारी के अनुसार इस सरकार में एनसीपी भी साझेदार होगा। जंहा कांग्रेस बाहर से समर्थन कर सकती है। वही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। जंहा एनसीपी और कांग्रेस के साथ हुई डील में तय किया गया गया कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार को उप मुख्यमंत्री का पद दिया जाए। और जयंत पाटिल को गृहमंत्री का पद दिया जा सकता है। इस सरकार को समर्थन करने के एवज में कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष का पद दिया जाने की आशंका बताई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बीच हुई बातचीत में मंत्रिमंडल का प्रारूप तैयार किया जा चुका है।


सूचना के अनुसार शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बीते रविवार शाम को कहा कि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र में अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का बन सकता है। उन्होंने कह दिया मतलब समझिए वही होगा, चाहे वह किसी भी कीमत पर हो।


राज्यपाल कोश्यारी ने शिवसेना से पूछा- क्या आप सरकार बनाने में सक्षम हैं? 

मिली जानकारी के मुताबिक उधर, बीजेपी ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सूचित किया गया है. कि वह अकेले सरकार बनाने में असमर्थ हैं। राज्यपाल ने सबसे बड़े दल होने के चलते बीजेपी को सरकार बनाने का पहले न्योता भेजा था। बीजेपी के इनकार के बाद राज्यपाल कोश्यारी ने शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे से पूछा है कि क्या वे महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए सक्षम हैं। अगर शिवसेना सरकार बनाना चाहती है तो वह राजभवन को सूचित किया जाए। हम आपको बता दें कि 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के पास 105 और करीब दर्जनभर निर्दलीय विधायकों का संख्याबल का समर्थन किया है। हालांकि ये बहुमत के 145 के आंकडे से दूर है। वही बीते शुक्रवार को देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा था, जिसके बाद उन्होंने कहा था कि वह जोड़तोड़ की राजनीति करके सरकार नहीं बना सकते। वही यह भी कहा जा रहा है कि शिवसेना के पास फिलहाल महज 56 विधायक और आधा दर्जन के करीब निर्दलीयों का समर्थन हासिल किया है।


हालांकि शिवसेना का विधानसभा में ये संख्याबल बहुमत से कोसो दूर है। प्रदेश मे बीजेपी 105 और शिवसेना 56 एक साथ आकर सरकार बनाने का आंकड़ा रखते हैं। हालांकि फिलहाल शिवसेना और बीजेपी के बीच टकराव की वजह दोनों मिलकर सरकार नहीं बना रहे हैं। एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायकोँ की संख्या प्रदेश में सरकार नहीं बना सकते हैं। अगर, एक दूसरी तस्वीर की संभावना पर राजनीति करवट लेती है तब ये तस्वीर बन चुकी है। शिवसेना के 56, एनसीपी के 56 और बाहर से कांग्रेस के 44 विधायकोँ के समर्थन के बल पर नई सरकार गठन का रास्ता बना हुआ है।


మరింత సమాచారం తెలుసుకోండి: