समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को तब्लीगी जमात के 2,200 से अधिक विदेशी सदस्यों को भारत की यात्रा से ब्लैकलिस्ट कर दिया। ये सभी पर्यटन वीजा पर भारत आये थे और मरकज के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. जमातियों पर देश में कोरोना संक्रमण फैलाने का आरोप है. इसी मामले को लेकर जमात प्रमुख मौलान साद की तलाश भी की जा रही है.

 


वीजा नियमों का उल्लंघन कर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान भारत में ठहरे तबलीगी जमात के 2,550 विदेशी सदस्यों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने काली सूची में डाल दिया है. उन्हें 10 साल तक देश में प्रवेश करने की भी अनुमति नहीं होगी. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. विभिन्न राज्य सरकारों ने मस्जिदों और मदरसों में विदेशियों के अवैध रूप से ठहरे होने का ब्योरा उपलब्ध कराया, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है.

 

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने तबलीगी जमात के 2,550 सदस्यों को काली सूची में डाल दिया है और भारत में उनके 10 साल तक प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस इस्लामी संगठन से जुड़े 250 विदेशियों सहित 2,300 लोगों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने के बाद तबलीगी जमात के विदेशी सदस्यों के खिलाफ पहली बार कार्रवाई की गई थी.

 


ये लोग मार्च में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के शीघ्र बाद दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के मरकज में ठहरे हुए पाये गये थे. इनमें से कई लोगों की कोविड-19 जांच में उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई. गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी.

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