एक समय था जब अलका लंबा का नाम कांग्रेस की उभरती युवा नेताओं में शामिल था मगर उस दौरान ऐसी मोदी लहर चली की अलका ने भी कॉंग्रेस का दामन छोड़ दिया और एक नयी उभरती हुई पार्टी में शामिल हुई जिसका नाम था "आम आदमी पार्टी"। हालांकि उन्होने जितने जोश के साथ पार्टी जॉइन किया था उतने ही जोश में अपनी सीट से विजयी ब्भी हुई और विधायक बनने में भी सफल हो गयी मगर परिस्थितियाँ उनके अनुसार कुछ ठीक नहीं दिखीं और वो कभी भी वे इस पार्टी में सहज नहीं हो पाईं। पिछले कई महीनों से तो वे केवल तकनीकी तौर पर ही आम आदमी पार्टी की सदस्य हैं, और व्यवहार में वे आम आदमी पार्टी के विपक्ष में ही खड़ी दिखती हैं।


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फिलहाल आपकी जानकारी के लिए बताते चलें की दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो अलका लांबा वापस पुराने घर यानी कांग्रेस में जाने की तैयारी में हैं, और उनकी वापसी करीब-करीब तय हो चुकी है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें जिस तरह से मिलने का टाइम दिया, उतना तो वो कांग्रेस के बड़े और जिम्मेदार नेताओं तक को नहीं देतीं। इससे स्पष्ट हो गया है कि अलका लांबा जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो जाएंगी। तो चलिये आज हम आपको अलका लांबा के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं विशेष रूप से उनके राजनीतिक जीवन के बारे में।


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1. अलका लांबा का जन्म 1975 में अमरनाथ लांबा और राजकुमारी लांबा के घर हुआ था।
2. कॉलेज की पढ़ाई उन्होंने दयाल सिंह कॉलेज और सेंट स्टीफेंस कॉलेज से की।
3. इसके बाद उन्होंने झांसी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री में एमएससी और फिर एमएड की उपाधि हासिल की।
4. अलका लांबा का विवाह लोकेश कपूर के साथ हुआ था, लेकिन 2003 में उनका तलाक हो गया। लोकेश का कहना था कि अलका उनके परिवार को प्रताड़ित करती हैं। अलका ने 2003 में सुभाष नगर स्थिति उनके फ़्लैट पर कब्ज़ा करके अपना ऑफिस खोल लिया था। दोनों का एक बेटा है जिसका नाम ऋतिक कपूर है।
5. अलका लांबा 1994 में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से जुड़ी थीं और 1995 में वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष चुनी गई थीं।
6. 1997 में अलका लांबा को एनएसयूआई का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था।
7. 2002 में वे अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव नियुक्त की गई थीं।
8. 2003 में मोती नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ीं लेकिन हार गईं।
9. 2006 में वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य बनाई गईं और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की महासचिव भी बनाई गईं।
10. उन्हें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक कोऑपरेशन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट का उपाध्यक्ष भी बनाया गया।
11. 2014 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली। 2015 में वे चांदनी चौक से विधायक चुनी गईं।

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