पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली लॉ कॉलेज की छात्रा सोमवार को मीडिया के सामने आई और उसने चिन्मयानंद के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। पीड़िता का कहना है कि उसे उत्तर प्रदेश सरकार पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है कि उसे किसी तरह का न्याय मिलेगा।



पीड़िता का दावा है कि यूपी पुलिस स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज नहीं कर रही है, जबकि दिल्ली के कड़कड़डूमा थाने में शून्य पर रेप की शिकायत दर्ज की जा चुकी है, जिसे एसआईटी को ट्रांसफर भी कर दिया गया है। पीड़िता ने कहा कि उसके पास स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ यौन उत्पीड़न करने के सारे सबूत मौजूद हैं, जिन्हें वह कोर्ट में पेश करेगी।



जिलाधिकारी को सस्पेंड किया जाएः पीड़िता
पीड़िता ने आरोप लगाया कि स्वामी चिन्मयानंद पिछले एक साल से उसका यौन शोषण कर रहे हैं। स्वामी चिन्मयानंद की धमकी के बाद ही उसने उत्तर प्रदेश छोड़कर दिल्ली और राजस्थान में शरण ली थी।



पीड़िता ने शाहजहांपुर के जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह पर भी परिवार को धमकी देने का आरोप लगाया है। पीड़िता की मांग है कि जिलाधिकारी को तत्काल सस्पेंड किया जाए।



एसआईटी के हाथ में मामले की जांच
गौरतलब है कि पीड़ित छात्रा ने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर स्वामी चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद पीड़िता के पिता ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। इससे पहले स्वामी चिन्मयानंद की तरफ से भी अज्ञात लोगों के खिलाफ 5 करोड़ की रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज कराया गया था. इस पूरे मामले की जांच एसआईटी कर रही है।



अब आर-पार की लड़ाईः पीड़िता के पिता
पीड़िता के स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज कराने की मांग से पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं, पीड़िता के पिता ने आर-पार की लड़ाई लड़ने का फैसला कर लिया है। उनका कहना है कि वह चिन्मयानंद के असली चेहरे को सबके सामने लाकर रहेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन-प्रशासन स्वामी चिन्मयानंद के दबाव में काम कर रहा है।


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