करीब 4 महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी बेहद सक्रिय हो गई हैं और लोगों के बीच फिर से अपनी पैठ बनाने की कोशिशों में लगी हैं। राज्य की ममता सरकार ने दुर्गा पूजा से पहले अपने सरकारी कर्मचारियों की खुशखबरी की बड़ी सौगात देते हुए छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का ऐलान किया है।



मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राजनीतिक रूप में इन दिनों काफी सक्रिय हैं और कई बड़े फैसले भी ले रही हैं। पिछले दिनों उन्होंने अपने राज्य में बेहद कठिन नए मोटर व्हिकल एक्ट लागू करने से मना कर दिया था। अब ममता सरकार ने राज्य में छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को मानते हुए सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ा दी है।


राज्य सरकार के इस फैसले से मिनिमन पे 17,990 रुपये प्रति महीना हो जाएगा। जबकि इससे पहले यह वेतनमान 7 हजार रुपये था। ग्रेचुएटी भी बढ़ा दी गई है और अब यह 6 लाख से बढ़कर 10 लाख रुपये हो गई है। 3 फीसदी सलाना इंक्रीमेंट भी होगा।



ममता बनर्जी ने नेताजी इंडोर स्टेडियम में स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन के एक कार्यक्रम के दौरान राज्य के सरकारी कर्मचारियों को खुश करने वाली खबर सुनाई। यह सिफारिश 1 जनवरी, 2020 से प्रभावकारी होगी। राज्य सरकार ने छठे वेतन आयोग की सभी सिफारिशों को मान लिया है।



पिछले वेतन आयोग में उल्लिखित बैंड वेतन और ग्रेड वेतन को खत्म कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मकान के किराए और चिकित्सा मुआवजे के मामलों पर गौर किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि नई सिफारिशों को लागू करने के लिए राज्य सरकार सालाना 10,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करेगी।



वाम सरकारों की आलोचना करते हुए ममता ने कहा कि पिछली सरकार ने 2006 में छठे वेतनमान आयोग की ओर से सिफारिश किए जाने के 2 साल तक लागू नहीं किया।
ममता ने पिछली वाम सरकार की आलोचना करने के साथ-साथ केंद्र की मोदी सरकार पर भी जमकर भड़ास निकाला. उन्होंने नए अंशदायी पेंशन की आलोचना की।


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