नयी दिल्ली। राजस्थान में भारी बारिश के बीच बाढ़ के हालात बने हुए हैं। चित्तौड़गढ़ में राणा प्रताप डैम से पानी छोड़े जाने के बाद हालात और भयावह हो गए हैं। उधर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में बारिश के पानी के बीच एक स्कूल में 350 बच्चे और 50 शिक्षक फंस गए हैं। राणा प्रताप डैम से पानी छोड़े जाने के बाद नदियों में पानी का उफान है।


सड़कों पर भी चारों तरफ पानी ही पानी है। लिहाजा, 350 बच्चे स्कूलों में कैद होकर रह गए हैं। गनीमत ये है कि स्थानीय लोग बच्चों और शिक्षकों की भरपूर मदद कर रहे हैं। उन्हें खाना-पानी जैसे बुनियादी चीजें मुहैया करा रहे हैं।


राजस्थान के कोटा और उदयपुर संभाग में मध्यम से तेज बारिश का दौर शनिवार को लगातार दूसरे दिन जारी रहा। बारिश के कारण कोटा,बारां और झालावाड़ के कई बांधों से पानी बाहर आने लगा है। बारिश के कारण बांसवाड़ा में हालात बिगड़ने लगे हैं। यहां शुक्रवार से हो रही बारिश के कारण कई गांवों का आपस में संपर्क कट गया है। बांसवाड़ा जिले के नदी-नाले उफान पर है।


राजस्थान के बुंदी, बांसवाड़ा, कोटा के साथ ही मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण चंबल भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इस वजह से शनिवार को चंबल नदी के सभी 19 गेट खोल दिए गए। वहीं, माही और बीसलपुर डैम से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। चंबल नदी के 19 गेट खोले जाने से कोटा के कई इलाकों में पानी भर गया। रावतभाटा राणा प्रताप सागर बांध के सभी 17 के खोलें गए,जिसके कारण ब्राह्मणी नदी उफान पर है।






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