नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की दुनिया को बरगलाने की कोशिश नाकाम हो चुकी है। यूएनजीए में जब वो अपनी बात रख रहे थे तो उनके भाषण में शांति के मंच से शांति का शब्द गायब था। वो परमाणु यु्द्ध की धमकी देकर दुनिया को डरा रहे थे। इस बीच पाकिस्तान के एक साप्ताहिक मैगजीन फ्राइडे टाइम्स ने सनसनीखेज खुलासा किया है।


मैगजीन के मुताबिक सऊदी अरब के जिस विमान से इमरान खान न्यूयॉर्क गए थे उसी विमान से उन्हें वापस लौटना था। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। पाकिस्तान का कहना था कि विमान में तकनीकी खराबी की वजह से उन्हें कमर्शियल फ्लाइट की मदद लेनी पड़ी। हालांकि फ्राइडे टाइम्स का कहना है कि सऊदी अरब के विमान में कोई खराबी नहीं थी। हकीकत में प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, इमरान खान से नाराज थे और उन्होंने विमान को वापस बुला लिया था। 


फ्राइडे टाइम्स की रिपोर्ट को पाकिस्तान सरकार ने खारिज किया है। सरकार का कहना है कि इस तरह से इमरान खान की यात्रा को संदेह के घेरे में लाने की कोशिश की गई है। सच बात तो ये है कि इमरान खान की यात्रा पूरी तरह सफल थी। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि प्रोपगैंडा के तहत इमरान खान को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है जबकि यूएस में उनकी यात्रा बेहद सफल थी। 


फ्राइडे टाइम्स के मुताबिक सऊदी अरब को इस बात से आपत्ति है कि संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच से इमरान खान ने जो कुछ कहा था वो जिम्मेदार नेता का बयान नहीं हो सकता है। अगर यूएनजीए के मंच से इमरान खान इस तरह की बात करेंगे तो आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई कमजोर होगी। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि वो स्टेट एक्टर या नॉन स्टेट एक्टर के जरिए किसी भी देश की आंतरिक व्यवस्था को अस्थिर नहीं कर सकता है। 


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