मुंबई। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के प्रमुख हरित क्षेत्र आरे कॉलोनी में और उसके आसपास के इलाके में रविवार को दूसरे दिन भी पेड़ों की कटाई जारी रही। रिपोर्ट्स की मानें तो अब तक दो हजार से ज्यादा पेड़ काटे जा चुके है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इस मामलें की तत्काल सुनवाई के लिए राजी हो गया है। रविवार को छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आरे में पेड़ों के काटे जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसके बाद विशेष पीठ गठन किया गया है।


न्यूज़ एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक रिषव रंजन नाम के शख्स द्वारा प्रधान न्यायाधीश को लिखे पत्र के आधार पर घटना का संज्ञान लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पत्र को जनहित याचिका के तौर पर दर्ज करने का फैसला किया और मामलें की तत्काल सुनवाई के लिए सोमवार सुबह 10 बजे का समय तय किया।


इससे पहले आज मुंबई की एक सत्र अदालत ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 29 प्रदर्शनकारियों को जमानत दे दी। सभी पर्यावरण प्रेमियों शशर्त जमानत दी गई है। इसके तहत सात हज़ार रुपये का निजी मुचलका और यह अश्वासन शामिल है कि वे प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेंगे।


बॉम्बे हाईकोर्ट ने  ने शुक्रवार को पेड़ों को काटने के आदेश को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था. जिसके बाद से मुंबई मेट्रो रेल कोरपोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने देर रात से विरोध के बावजूद पेड़ काटने शुरू कर दिया। इसके बाद दोबारा शनिवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से कटाई पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई, लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ. फिलहाल आरे में कड़ी सुरक्षा और धारा 144 के बीच पेड़ों की कटाई चल रही है।


बता दें कि पिछले कुछ समय से मुंबईवासी आरे जंगल को काटे जाने के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जहां 2700 पेड़ों को काटकर मेट्रो कारशेड बनाने का प्रस्ताव है।


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