एक घर में 14 साल के अंदर 6 मौत होती है. मरने वालों में 65 साल के बुजुर्ग से लेकर दो साल की बच्ची शामिल थी. हैरतअंगेज तौर पर हर मौत एक ही तरह से हो रही थी. मरने से पहले मरने वाले को बेचैनी होती फिर सीने में दर्द और उसके बाद अचानक वो दम तोड़ देता था. घर वालों को यही लगता कि मौत दिल का दौरा पड़ने से हो रही है. लिहाज़ा हर मौत के बाद घर वाले उस मौत को भुला कर सब्र कर लेते थे. मगर इसी घर का एक बेटा जो अमेरिका में रह रहा था, उसे कुछ शक होता है. लिहाजा वो अमेरिका से केरल लौटता है. इसके बाद सामने आती है, एक ऐसी कहानी जो हाल के वक्त में ना कभी सुनी गई ना सुनाई गई. कहानी धीमी मौत की.


लॉर्डेस माथा चर्च क़ब्रिस्तान, कुडाथाई, कोझिकोड़, केरल

4 अक्तूबर 2019. ऐसा इससे पहले कभी नहीं हुआ था. कहीं नहीं हुआ था. कम से कम हिंदुस्तान में तो नहीं. कई केस के सिलसिले में कई बार कब्रें खोदी गईं. गड़े मुर्दे निकाले गए. मगर किसी कब्रिस्तान में एक साथ छह-छह कब्रें खोद कर छह-छह मुर्दों को बाहर निकाला जाए, ये मंज़र इससे पहले लोगों ने नहीं देखा था. वो छह मुर्दे भी कौन से जो पिछले 14 सालों में अलग-अलग वक्त पर दफनाए गए थे.


एक साथ 6 कब्रों की खुदाई

केरल पुलिस के लिए भी ये पहला तजुर्बा था. लिहाजा पुलिस पूरी तैयारी के साथ यहां आई थी. बाकायदा कैमरे में हर खुदते कब्र को कैद किया जा रहा था. सबसे पहले उन छब कब्रों की पहचान की जाती है. जिन्हें खोदा जाना था. इसके बाद एक-एक कर सभी छः कब्रों की खुदाई शुरू होती है.


14 साल, 6 मौत, एक ही परिवार

इन कब्रों में से जो सबसे पुरानी कब्र थी. उसकी उम्र 17 साल हो गई थी. जबकि जो सबसे ताजी कब्र थी. वो भी तीन साल पुरानी थी. यानी इन छह कब्रों में पहली लाश 2002 में दफनाई गई थी. जबकि छठी और आखिरी लाश 2016 में. इस बीच चार और लाशें यहां दफनाई गई थीं. वैसे छह की छह लाशें एक ही परिवार की थीं. पर छह मौतें 14 साल के फासले में हुई थीं.


मुर्दों ने खोला मौत का राज

पहली किश्त में पुलिस का काम पूरा हो चुका था. लाशें कब्र से बाहर आ गई थीं. लाशें भी क्या कंकाल कहिए. मगर पुलिस के लिए ये भी काफी है. क्योंकि इन्हीं छह कंकालों की जांच करने के बाद पुलिस इनके जिंदा से मुर्दा होने का सच पता लगाने जा रही है. और इसके लिए सभी कंकालों को फ़ॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया. उस जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही ये खुलासा होना था कि ये छह की छह आम मौत है या फिर सीरियल किलिंग? इससे पहले कि ये राज खुले, हम आपको इन लाशों की हकीकत में झांक कर कुछ सच बताने की कोशिश करते हैं. वो भी इन गड़े मुर्दों की मदद से.


22 सितंबर 2002, पहली मौत, अनम्मा थॉमस

केरल के थॉमस परिवार में अनम्मा का वो रुतबा सबसे बड़ा था. पूरा परिवार अनम्मा के इशारे पर ही चलता था. पर तबी एक रोज़ अचानक अनम्मा को बेचैनी सी होती है. देखते ही देखते अनम्मा दम तोड़ देती हैं. घर वालों ने सोचा अनम्मा की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है. लिहाज़ा बाद में अनम्मा को कुडाथाई को लॉर्डेस माथा चर्च के इसी पुश्तैनी क़ब्रिस्तान में दफना दिया गया.



26 सितंबर 2008, दूसरी मौत, टॉम थॉमस

अनम्मा की मौत के ठीक 6 साल 4 दिन बाद इसी घर में एक और मौत होती है. इस बार मौत घर के मुखिया और अनम्मा के पति टॉम की हुई थी. ठीक अनम्मा की तरह ही. पहले बेचैनी और फिर मौत. इस बार भी घर वालों ने यही माना कि टॉम की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है. लिहाज़ा टॉम को भी इसी कब्रिस्तान में दफना दिया गया. ठीक अनम्मा के बराबर में.



30 अक्टूबर 2011, तीसरी मौत, रॉय थॉमस

इस दिन घर में तीसरी मौत होती है. इस बार मरने वाला अनम्मा और टॉम का बेटा रॉय थ़ॉमस था. रॉय की मौत भी ठीक वैसे ही हुई. अचानक बेचैनी का आलम और फिर सासों का रुक जाना. घर वालों ने मान लिया कि रॉय को भी दिल का दौर पड़ा है. यहां तक कि ऱॉय की बीवी का भी यही मानना था. मगर एक ही तरह से हुई इस तीसरी मौत ने रॉय के मामा मैथ्यू को मन में शक डाल दिया. मैथ्यू पोस्टमार्टम कराने पर अड़ गए.


जहर से हुई थी मौत

पोस्टमार्टम हुआ और जब रिपोर्ट आई तो सब दंग रह गए. 40 साल के रॉय के शरीर में ज़हर पाया गया था. वो भी साइनाइड. कायदे से इसके बाद मामला कत्ल का बनना चाहिए था. पुलिस को तफ्तीश करनी चाहिए थी. पर शिकायत के बावजूद पुलिस ने मामले की तफ्तीश नहीं की और रॉय की मौत का मामला भी भुला दिया गया.


कब्रों से निकाली गई लाशें

अनम्मा का दूसरा बेटा और रॉय के भाई रोज़ो थॉमस केरल से दूर अमेरिका में अपने परिवार के साथ रहते थे. एक के बाद एक वो भी एक ही तरह से हरेक मौत ने रोजी थॉमस को सोचने पर मजबूर कर दिया. लिहाजा वो अमेरिका से केरल पहुंच गए. रोज़ी थॉमस केरल पुलिस के साथ उस कब्रिस्तान में पहुंची. क्योंकि अब एक-एक कर लाशें सच उगलने के लिए बाहर आ रही थीं.


पहली मौत की जांच का फैसला

पहले रोज़ो थॉमस का शक केरल पुलिस को बेतुका लगता है. क्योंकि छह मौत जरूर हुई थी. मगर 14 साल के फासले पर. लेकिन रोजो के भाई रॉय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को सोचने पर जरूर मजबूर कर रही थी. इसी के बाद पुलिस 2011 में यानी अब से आठ साल पहले हुई रॉय की मौत की तफ्तीश करने कै फैसला करती है. और इस तरह एक कत्ल अब पांच कत्ल का सुराग देने जा रहा था.



भाभी ने चाचा के बेटे से की शादी

रोज़ो थॉमस को घर के छह-छह सदस्यों की मौत लगातार कचोट रही थीं. मां-बाप, भाई, मामा, चाचा के बेटे की पत्नी और बेटी की मौत हो चुकी थी. मगर जो चीज सबसे ज्य़ादा रोजो को परेशान कर रही थी वो ये कि चाचा के बेटे शाजू की पत्नी फिली की मौत के साल भर बाद ही 2017 में उसकी भाभी जॉली ने शाजू से शादी कर ली थी.



प्रापर्टी के कागजात से शक हुआ पुख्ता

इसके बाद रोजो ने घर की प्रापर्टी के कागजात देखे तो पता चला कि ज्यादातर प्रापर्टी उसकी भाभी जॉली ने अपने नाम कर ली है. वो भी अपने पति रॉय और सास ससुर यानी अनम्मा और टॉम के फर्जी दस्तखत से. इसी के बाद रोजो ने पुलिस में शिकायत करा दी और शक जाताया कि पिछले 14 सालों में उसके परिवार में हुई छह मौत सामान्य मौत नहीं बल्कि कत्ल हैं. इसके लिए रोजो ने अपने भाई और जॉली के पति रॉय की उस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें शरीर में जहर पाए जाने की बात कही गई थी.



पुलिस ने ऐसा किया खुलासा

मामले की जांच करने वाले अधिकारी ने खुलासा किया कि सारे कत्ल दरअसल, जॉली ने ही किए थे. उसने पहले अनम्मा को मारा क्योंकि वो परिवार की सबसे अहम सदस्य थी. घर की तमाम चीज़ें वही देखती थीं. उन्हें इसलिए मारा गया क्योंकि उन्हें मारकर ही परिवार के तमाम आर्थिक फैसलों पर कंट्रोल किया जा सकता था. जॉली सास अनम्मा को मार चुकी थी. तो फिर उसे ससुर टॉम को मारने की क्या ज़रूरत थी. आखिर जूली की साज़िश में टॉम की मौत की वजह क्या थी.



ससुर से नाराज थी जॉली

दूसरी मौत जॉली के ससुर की थी. उनकी हत्या की वजह ये थी कि वो लगातार घर की कई प्रॉपर्टी को बेचते जा रहे थे. उन्होंने जॉली और उसके पति को जायदाद से बेदखल कर दिया था. हालांकि शुरूआत में अपने ससुर के साथ उसके अच्छे रिश्ते थे. मगर बाद में दोनों में कुछ दिक्कतें पैदा हो गईं. उन्होंने तय किया था कि वो तमाम प्रॉपर्टी बेंच कर अमेरिका चले जाएंगें. ये बात जॉली को नागवार गुज़री थी.



जॉली ने किया अपने पति कत्ल

अब तीसरा नंबर आता है कि जॉली के पति रॉय थॉमस का. वो जॉली की साज़िश का शिकार कैसे बना. रॉय थॉमस, जिसका कत्ल इसलिए हुआ क्योंकि प्रॉपर्टी हाथ से जाती देख जॉली बौखला गई थी. दोनों में इसको लेकर अक्सर विवाद रहने लगा था. आखिरकार जॉली ने उसे भी मार दिया.



मैथ्यू ने किया था शक, इसलिए गई जान

चौथा नंबर आया मैथ्यू मंजादियिल का जिनका थॉमस परिवार के इस प्रॉपर्टी से कोई सीधा लेना-देना नहीं था. मगर परिवार में हो रही लगातार मौत के बाद वो जॉली को शक भरी निगाहों से देख रहे थे. जॉली को लगा कि मैथ्यू अगर ज़िंदा रहा तो भेद कुल जाएगा. जांच अधिकारी के मुताबिक अगली मौत मैथ्यू की थी. जो रॉय की मौत के बाद उसकी बॉडी का पोस्टमार्टम कराए जाने पर ज़ोर दे रहा था. उसे जॉली पर शक़ हो चुका था. और वह इन मौतों की वजह का खुलासा चाहता था.



मासूम बच्ची को भी मार डाला

आखिरी में बारी थी मासूम अल्फाइन की. घर के मुखिया टॉम के छोटे भाई ज़करिया के बेटे शाजू की 2 साल की बेटी थी अल्फाइन. जॉली ने उसे क्यों मारा. ये सवाल परेशान करने वाला था. जांच अधिकारी ने खुलासा करते हुए बताया कि जॉली अपने पति रॉय से खुश नहीं थी. वो अक्सर कहा करती थी. उसने हमेशा शाजू जैसे पति के बारे में सोचा था. वो मन ही मन शाजू से शादी करना चाहती थी. मगर अल्फाइन और फिली के ज़िंदा रहते ये मुमकिन नहीं होता. इसलिए उसके खाने में साइनाइड मिलाकर जॉली ने उसे मार डाला.



फिर किया शाजू की पत्नी का कत्ल

अल्फाइन मर चुकी थी. अब बारी फिली की थी. क्योंकि उसे मारकर ही जॉली शाजू से शादी कर सकती थी. लिहाज़ा अगला नंबर फिली का था. शाजू की बीवी फिली को जॉली ने पानी में ज़हर मिलाकर दिया. जिसे पीते ही उसकी मौत हो गई. इन तमाम मौतों के बाद जॉली ने शाजू के साथ साल 2017 में शादी रचा ली. परिवार के 6 लोगों की मौत के बाद जब जॉली ने शाजू से शादी की, तब पहली बार रोजो ने उस पर शक किया. और उसने अमेरिका से आकर इस पूरे मामले की छानबीन शुरू कराई, तब जाकर कत्ल की इस गहरी साजिश का खुलासा हुआ.





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