कल वायुसेना दिवस के मौके पर लम्बे समय से कौतूहलता और बीच बीच में विवादों में रहा लड़ाकू विमान को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस में दशहरे के दिन शस्त्र पूजन भारत के पहले "राफेल विमान" को रिसीव किया। इस दौरान पारंपरिक पूजा की गई। राफेल के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से हमारी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। लेकिन वायुसेना के बेड़े में राफेल को शामिल होने में अभी कई महीनों का वक्त लगेगा। फिलहाल अभी राफेल को सिर्फ रिसीव किया गया है। राफेल की उड़ान भरने के लिए अभी तो वायुसेना के पायलट्स की ट्रेनिंग शुरू की जाएगा। इसमें कई महीनों का समय लगेगा। लगभग 8 महीने बाद पहला राफेल विमान हिंदुस्तान की धरती पर उतरेगा।


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कब वायुसेना को मिलेगा पहला राफेल
भारत ने फ्रांस से कुल 36 राफेल विमान की डील की है, इसके तहत सभी विमान भारत आएंगे। दशहरे के उपलक्ष्य पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसी डील के तहत बने पहले विमान को रिसीव किया। ये सिर्फ एक आधिकारिक हैंडओवर था। फिलहाल भारत का यह राफेल विमान फ्रांस में ही रहेगा। भारतीय वायुसेना के जवान फ्रांस का दौरा कर वहां इस विमान की ऑपरेशन ट्रेनिंग लेंगे। भारत ने फ्रांस ने जिन 36 विमानों की डील की है, उसमें से 4 विमानों की पहली किस्त मई 2020 तक भारत को मिलने वाली है। इसका मतलब ये हुआ कि मई 2020 तक यह विमान भारत की धरती पर पहुंचेंगे।


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हिंदुस्तान की धरती पर मई 2020 तक पहला राफेल आ जाएगा लेकिन वायुसेना को इसका इस्तेमाल करने में और वक्त लगेगा। भारत आने के करीब 9 महीने बाद यह ऑपरेशन होगा। फरवरी 2021 तक यह विमान पूरी तरह से वायुसेना के लिए काम करने लगेंगे। मई 2020 में राफेल की पहली किस्त में वायुसेना में 4 विमानों की पहली खेप पहुंच जाएगी। भारत ने फ्रांस के साथ कुल 36 विमानों का समझौता किया है। फ्रांस, भारत को इन 36 विमानों की डिलीवरी अगले तीन सालों में करने वाला है। इन सभी विमानों की पहुंचने की डेडलाइन सितंबर 2022 है।

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