उगते सूरज को जल देने के साथ ही आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो चुका है। छठ में सूर्य देवता को डूबते और उगते वक्त अर्घ्य दिया जाता है। ये परंपरा हमारे सनातन धर्म से चली आ रही है। अमूमन भी लोग सुबह-सुबह स्नान करके सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। ऐसा कहा गया है कि सुबह-सुबह अर्घ्य देने वाल्व व्यक्ति को इससे कई लाभ होते हैं। अगर आपको इन लाभों के बारे में नहीं पता तो आप घबराइए मत आज हम आपको इन्हीं लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही हम आपको ये भी बताएंगे कि आखिर सूर्य देवता को अर्घ्य देने का सही तरीका क्या है।



सूर्य देव को अर्घ्य देने के फायदे
अगर आप सूर्य देवता को नियमित अर्घ्य दे रहें हैं तो इससे आपका आत्मा पूरी तरह से शुद्ध हो जाएगी। आपको देवता की तरफ से आरोग्य की प्राप्ति होगी। जब आप सूर्य देवता को अर्घ्य देते हैं तो उसकी वजह से आपके शरीर मे सूर्य का प्रभाव बढ़ जाता है। आपकी ऊर्जा भी बढ़ जाती है। आप किसी भी काम को करते वक्त ढीला-ढाला महसूस नहीं करेंगे। बहुत सारे लोगों के जीवन में ये परेशानी होती है कि उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है। नौकरी जीवन के लिए बहुत जरूरी भी है। अगर आपको नौकरी नहीं मिल रही है तो ऐसे वक्त में आपका सहारा बनेंगे सूर्य देव। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि सूर्य देवता को नियमित जल देने से आपके कार्यछेत्र में लाभ होता है। अगर आपको नौकरी नहीं मिल रही तो आपको नौकरी भी मिलेगी। आइए अब आपको बताते हैं सूर्य देवता को अर्घ्य देने का सही तरीका



कैसे दें सूर्य देव को अर्घ्य
आप अमूमन सूर्य देवता को रोज सुबह उठकर अर्घ्य देते होंगे, आज इसका सही तरीका भी जान लीजिए, सूर्य देवता को अर्घ्य देने से पहले स्नान कर लेना चाहिए। स्नान करने के बाद साफ सुथरे कपड़े पहनकर तांबे के लोटे से अर्घ्य देना चाहिए। अगर आपके पास तांबे का लोटा उपलब्ध नहीं है तो आप पीतल के लोटे से भी अर्घ्य दे सकते हैं। सूर्य देवता को अर्घ्य देने का एक सही समय भी शास्त्रों में विदित है। सुबह 8 बजे से पहले-पहले तक का समय सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सबसे बेहतर माना गया है। ध्यान देने वाली बात ये है कि अर्घ्य देते वाट आपज मुख पूर्व दिशा की ओर हो। अगर हो सके तो अर्घ्य के जल में लाल पुष्प या लाल कुलकुम जरूर मिलाएं।

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