आज मंगलवार के दिन समस्त भारत वर्ष में विश्वकर्मा जयंती का त्योहार बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता हैं, इस दिन भगवान विश्वकर्मा का पूजन किया जाता हैं। दरअसल सनतान धर्म में भगवान विश्वकर्मा जी को निर्माण और सृजन का देवता कहा जाता हैं और इन्हें तकनीकी जगत का भगवान कहा जाता हैं। शास्त्रों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा का जन्म माघ माह के शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी तिथि को हुआ था और इन्हें भगवान शिव का अवतार भी माना जाता हैं। बता दें कि भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला वास्तुकार और इंजीनियर की उपाधि दी गयी हैं। शास्त्रों में ऐसा कहा गया हैं कि विश्वकर्मा जयंती पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से कारोबार में वृद्धि होती है और धन-धान्य और सुख-समृद्धि के लिए भगवान विश्वकर्मा की पूजा करना आवश्यक और मंगलदायी है। ऐसे में आइए जानते हैं कि व्यापार मे वृद्धि के लिए विश्वकर्मा पूजा कैसे करे।


व्यापार में वृद्धि के लिए ऐसे करें विश्वकर्मा पूजा


विश्वकर्मा पूजा करने के लिए सबसे पहले प्रातः काल उठे, नित्य क्रिया करने के पश्चात स्नान कर ले। अब साफ वस्त्र धारण करे, अब आप अपने पूजा स्थान पर जाकर विराजमान हो जाए, अब पूजा करने के लिए सबसे पहले आप अपने ऊपर जल का छींटा दे, गंगा जल हैं तो यह और भी अच्छा हैं। अब भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करते हुये बोले कि हे भगवान मैं आपकी पूजा करने जा रहा हूँ, आप मेरी इच्छाओं, कामनाओ को पूर्ण करे।


अपने ऊपर जल का छींटा देने के बाद अपने दाहिने हाथ पर तीन बार जल लेकर पी ले और फिर इस मंत्र ‘ओम पृथिव्यै नमः ओम अनंतम नमः ओम कूमयि नमः ओम श्री सृष्टतनया सर्वसिद्धया विश्वकर्माया नमो नमः’ का जाप करे, अब हाथ धूल ले। अब अपने बाएँ हाथ पर पीले सरसों रखे और दूसरे हाथ से बंद कर ले, इसके बाद पीले सरसों को चारों दिशाओं में फेंक दे और बोले की मैं विश्वकर्मा जी की पूजा करने जा रहा हूँ और यदि पितृ की कोई गलत शक्ति या प्रभाव यहाँ पर हैं तो इस पीली सरसों से वह प्रभाव खत्म हो जाए, अब हाथ जोड़कर बैठ जाए और अपने हाथ में रक्षासूत्र बांध ले।


अब अपने हाथ में चावल, फूल, फल, रोली, सुपारी लेकर पूजा का संकल्प ले। अब इसके बाद अष्टदल की बनी रंगोली पर सतनजा बनाएँ, अब पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ विश्वकर्मा जी मूर्ति या फिर तस्वीर पर फूल चढ़ाकर कहें- हे विश्वकर्मा जी आइए और मेरी पूजन स्वीकार करे, अब सतनजा पर कलश रखे और कलश पर रोली लगाए और सभी चीजों को कलश पर छिड़क दे, इसके साथ ही फूल भी चढ़ा दे। अब सभी चीजों यानि मिठाई, फूल-माला आदि सामान चढ़ा दे, अब आप जिस यंत्र से काम करते हैं, उसके ऊपर तिलक और अक्षत लगाएँ। इस तरह से आपकी पूजा सम्पन्न होती हैं, इससे आपके व्यापार में वृद्धि होगी और आपका घर धन-धान्य से भरा रहेगा।

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