मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दो सीबीआई प्राथमिकी से उपजा है जिसमे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), चंडीगढ़ और पंजाब एंड सिंध बैंक, करनाल ने कंपनी, उसके प्रबंध निदेशक राजीव गोयल और अन्य के खिलाफ 828 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी के लिए शिकायत की थी। संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा।
ईडी ने कहा कि फर्जी चालान के बदले कंपनी के नाम पर लेटर ऑफ क्रेडिट का लाभ उठाया गया था और कथित तौर पर संबंधित संस्थाओं द्वारा इन एलओसी की छूट दी गई थी। ईडी ने कहा, धोखाधड़ी लेनदेन के माध्यम से, आरोपी ने बैंकों से ली गई क्रेडिट सुविधाओं की आय को छीन लिया और कंपनी, व्यक्तियों और संबंधित संस्थाओं के नाम पर विभिन्न संपत्तियों की खरीद के लिए इस्तेमाल किया।
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