पटना। महाराष्ट्र के बाद बिहार में भी लगता है सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। बिहार में बीजेपी और जेडीयू के नेता एक- दूसरे के आमने- सामने आ गए और लगातार एक- दूसरे को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। इसी क्रम में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आत्महत्या करने की बात कही है। सिंह ने कहा कि अगर वह क्षेत्र के जनप्रतिनिधि होने के कारण आवाज न उठाएं तो क्या आत्महत्या कर लें?
'आत्महत्या करने से किसी ने रोका है क्या?'
बीजेपी नेता के बयान पर सियासत गर्मा गई और इस पर नीतीश सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि किसी को आत्महत्या करने से किसी ने रोका है क्या? असल में इस वक्त बिहार के तमाम जिले बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ के कारण लोगों आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी को लेकर रविवार को बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अपने संसदीय क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा करने पहुंचे थे।
'नीतीश सरकार कुछ नहीं कर रही'
बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलने के दौरान सिंह नीतीश सरकार की उदासीनता पर नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि बेगूसराय की जनता बाढ़ और सूखे से बुरी तरह प्रभावित है और राज्य सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर रही है, ऐसे में अगर वह क्षेत्र के जनप्रतिनिधि होने के कारण आवाज न उठाएं तो क्या आत्महत्या कर लें?
बीजेपी नेता ने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र को अभी तक सूखाग्रस्त घोषित नहीं किया जबकि आधा इलाका सूखे से प्रभावित है। उन्होंने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार राहत के उचित कार्य नहीं कर रही है।
जेडीयू बोली-इस तरह के बयान से बचें सिंह
गिरिराज सिंह के बयान पर जेडीयू के नेता बिखर गए और उनको इस तरह की बयानबाजी से बचने की सलाह दी। वहीं, नीतीश सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों के मदद पहुंचाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। कुमार ने कहा कि सिंह को इस तरह के बयान नहीं देना चाहिए।
'सरकार स्थिति को लेकर पूरी तरह से गंभीर'
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ की स्थिति को लेकर पूरी तरह से गंभीर है और वह लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने गिरिराज सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि वैसे भी किसी को आत्महत्या करने से किसी ने रोका है क्या?
वहीं, राजद सांसद मनोज झा ने भी सिंह के बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कि अगर मंत्री होने के बावजूद वह अपने क्षेत्र में बचाव कार्य करने में सक्षम नहीं हैं और बेबस हैं, तो उन्हें मंत्री पद त्याग देना चाहिए लेकिन वह आत्महत्या न करें।
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