अकसर लोग गोल्ड यानी सोने की खरीदारी में दिलचस्पी दिखाते हैं लेकिन कई बार लोगों को ठगी का शिकार होना पड़ता है. दरअसल, लोग यह पहचान नहीं पाते हैं कि गोल्ड असली है या नकली. हालांकि अब केंद्र की मोदी सरकार ने एक ऐसी पहल की है जिसके बाद खरे सोने की खरीदारी आसान हो जाएगी.
दरअसल, उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बताया है कि 15 जनवरी 2021 से सोने के गहनों की हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी. इसका मतलब यह हुआ कि सोने के हर आभूषण पर हॉलमार्क जरूरी होगा. ऐसे में आप जब भी आभूषण की खरीदारी करेंगे तो हॉलमार्क नजर आएगा.
कब तक जारी होगा नोटिफिकेशन
उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि मंत्रालय 15 जनवरी 2020 को नोटिफिकेशन जारी कर देगा, लेकिन इस फैसले को लागू करने के लिए एक साल का वक्त दिया जाएगा ताकि ज्वेलर स्टॉक क्लीयर कर सकें. मौजूदा वक्त में देश भर में लगभग 800 हॉलमार्किंग केंद्र हैं लेकिन सिर्फ 40 फीसदी आभूषणों की हॉलमार्किग की जाती है.
हॉलमार्क क्या है?
गोल्ड हॉलमार्क शुद्धता का प्रमाण है और वर्तमान में यह स्वैच्छिक आधार पर लागू किया गया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), हॉलमार्क के लिए प्रशासनिक प्राधिकार है. बीआईएस द्वारा हॉलमार्क गोल्ड ज्वेलरी पर बीआईएस का निशान होता है. इस निशान से यह पता चलता है कि लाइसेंसधारक लैब में सोने की शुद्धता की जांच की गई है. बीआईएस ने तीन ग्रेड - 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट के सोने के लिए हॉलमार्क के लिए मानक तय किए हैं.
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