नयी दिल्ली। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर जो व्यापक डेटाबेस तैयार होगा, उसमें लोगों को अब 31 तरह की जानकारी देनी होगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इससे पहले 2010 में जब एनपीआर तैयार हुआ तो 16 सूचनाएं मांगी गई थीं। केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि इस बार के एनपीआर में बायोमेट्रिक जानकारी नहीं ली जाएगी। साथ ही लोगों से जुटाई गई जानकारी के आधार पर कोई पहचान पत्र भी जारी नहीं होगा।

 

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर देश के सामान्य निवासियों का एक व्यापक डेटाबेस है। इसे नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के अंतर्गत और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण एवं राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियमावली, 2003 में निहित प्रक्रियाओं के आधार पर तैयार किया जा रहा है। केंद्र सरकार के अनुसार, पिछले कई दिनों से एनपीआर को लेकर कई तरह की भ्रामक सूचनाएं आ रही थी। जैसे, लोगों से बायोमेट्रिक जानकारी ली जाएगी। उन्हें एक पहचान पत्र जारी किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने एनपीआर का जो फ़ॉर्म तैयार किया है, उसमें बायोमेट्रिक जानकारी लेने और पहचान पत्र जारी करने का कोई प्रावधान शामिल नहीं किया गया है।

 

एनपीआर 2010 में मांगी गई थी ये जानकारियां :

व्यक्ति का नाम, मुखिया से संबंध, पिता का नाम, माता का नाम, पति/पत्नी का नाम (यदि विवाहित), लिंग, जन्मतिथि, वैवाहिक स्थिति, जन्म का स्थान, घोषित राष्ट्रीयता, सामान्य निवासी का वर्तमान पता, वर्तमान पते पर रहने की अवधि, स्थायी निवास पता, व्यवसाय/क्रियाकलाप और शैक्षिक योग्यता शामिल थी। इसके अलावा यूआईडीएआई के माध्यम से दोहराव को रोकने और आधार नंबर बनाने के उद्देश्य हेतु 5 वर्ष और उससे ऊपर के व्यक्तियों के लिए ओआरजीआई को आबंटित राज्यों में तीन बायोमेट्रिक वस्तुत: फोटो, 10 अंगुलियों के छाप और 02 आयरिस भी एकत्रित किए गए थे।

एनपीआर 2020 के परीक्षण-पूर्व में शामिल अतिरिक्त फील्ड :

आधार नंबर, मोबाइल नंबर, पैन, मतदाता पहचान संख्या, ड्राइविंग लाइसेन्स, पासपोर्ट नम्बर (केवल भारतीय), पिछला निवास स्थान, निवासियों के पिता और माता के जन्मस्थान और जन्म की तिथि।

एनपीआर को 2010 में पहली बार तैयार किया गया था। इसके बाद हुए जन्म, मृत्यु और प्रवास के कारण बदलाव को सम्मिलित करने के लिए, इसे फिर से अपडेट करने की ज़रूरत है। हालांकि 2015 के दौरान कुछ घटकों को अपडेट किया गया था। एनपीआर में परिवार एवं वैयक्तिक जनसांख्यिकीय विवरण शामिल होगा। विभिन्न जन कल्याण व लाभार्थी उन्मुख सरकारी योजनाएं जैसे कि आयुष्मान भारत, जन धन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना, लोक वितरण प्रणाली (पीडीएस) आदि परिवार आधारित हैं। इनके पारदर्शी एवं कुशल कार्यान्वन के लिए एनपीआर आंकड़ों का प्रयोग किया जा सकता है। 

एनपीआर डाटा को एकत्रित करने के लिए एक मोबाइल ऐप का प्रयोग किया जाएगा। प्रगणकों को हर घर पर भेजना अपेक्षित है, क्योंकि सभी व्यक्ति अपने आप डाटा को अपडेट नहीं कर पाएंगे। इसके अतिरिक्त, घर-घर गणना सुनिश्चित करेगी कि पूरी जनसंख्या को शामिल कर लिया गया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि एनपीआर अपडेट करने के दौरान घर-घर गणना के समय कोई दस्तावेज एकत्रित नहीं किए जा रहे हैं।

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