जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर आए राहुल ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए अभियान शुरू करना चाहिए। श्रीनगर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होना चाहिए।
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भावुक हुए राहुल ने कहा, मेरा परिवार दिल्ली में रहता है। उससे पहले मेरा परिवार इलाहाबाद में रहता था। इलाहाबाद से पहले मेरा परिवार यहीं रहता था।
उन्होंने कहा, मैं आपको बता सकता हूं कि मैं आपको समझता हूं, मेरे परिवार ने झेलम नदी का पानी पिया होगा। कश्मीरियत, संस्कृति और विचार प्रक्रिया मुझमें भी होनी चाहिए। जब मैं यहां आता हूं तो मुझे ऐसा लगता है कि मैं घर आ रहा हूं।
राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र में उनकी सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने उनसे राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा संसद में उठाने को कहा था। उन्होंने कहा कि उन्हें उनके सहयोगियों ने बताया था कि जम्मू-कश्मीर एक बड़ा राज्य नहीं है जहां कई लोकसभा सीटें हैं, लेकिन उन्होंने इस जगह के महत्व पर जोर दिया।
यह कई लोकसभा सीटों वाला राज्य नहीं है अब यह एक राज्य भी नहीं है। लेकिन जेके की ताकत आपके जीने का तरीका है। भारत और इसकी नींव में कश्मीरियत है। यह भावना मुझ में भी है। आप क्या कर सकते हैं मुझे प्यार और स्नेह के साथ करने के लिए कहें, आप इसे बल और नफरत के माध्यम से कभी हासिल नहीं करेंगे। वह कश्मीरियत है। यदि आप प्यार और सम्मान के साथ जम्मू-कश्मीर के मालिक हैं, तो आप जो चाहते हैं वह कर लेंगे।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि जब उनकी पार्टी सत्ता में थी, उसने एकजुट होकर देश में शामिल होने की कोशिश की, लेकिन भाजपा विभाजनकारी विचारधारा में विश्वास करती है। उन्होंने कहा, जब हम सत्ता में थे, हमने पंचायत चुनाव, उड़ान आदि जैसे कई कार्यक्रम शुरू किए। हम जम्मू-कश्मीर में निवेश करने के लिए उद्योगपतियों को भी लाए। हम एकजुट होने और शामिल होने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने (भाजपा) इस पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई का नया कार्यालय भवन एक नई शुरुआत है और कहा कि कार्यकर्ता पार्टी की सेना हैं।
जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने और केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के केंद्र के अगस्त 2019 के फैसले के तुरंत बाद अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, मैंने कोविड के प्रकोप से पहले भी यहां आने की कोशिश की थी, लेकिन मुझे हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। उन्होंने कहा, मैं जम्मू और लद्दाख का भी दौरा करूंगा।
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