बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इससे करीब 49.18 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दोनों के कारण सरकारी खजाने पर संयुक्त प्रभाव 12,868.72 करोड़ रुपये प्रति वर्ष होगा। यह बढ़ोतरी स्वीकृत फॉर्मूले के मुताबिक है, जो 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है।
कैबिनेट ने पीएम उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं को 31 मार्च 2025 तक 300 रुपये की सब्सिडी जारी रखने की भी मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि इस पर कुल खर्च 12,000 करोड़ रुपये होगा। पीयूष गोयल ने घोषणा की कि कैबिनेट ने 2024-25 सीज़न के लिए कच्चे जूट के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,335 रुपये प्रति क्विंटल को मंजूरी दे दी है, जो पिछले सीज़न की तुलना में 285 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है।
सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के बजट परिव्यय के साथ एक व्यापक राष्ट्रीय स्तर के इंडियाएआई मिशन को भी मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि उपरोक्त फैसलों के अलावा, कैबिनेट ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए 10,237 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी।
click and follow Indiaherald WhatsApp channel