
यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले — जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे — के बाद शुरू की गई जवाबी कार्रवाई का हिस्सा थी। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने तेज और सटीक सैन्य प्रतिघात किया।
तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने लगातार दूसरे दिन मीडिया को संबोधित किया। वायुसेना संचालन महानिदेशक एयर मार्शल ए.के. भारती ने बताया कि देश में विकसित आकाश वायु रक्षा प्रणाली ने हवाई हमलों को नाकाम करने में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, “हमारी battle-proven प्रणाली ने एक बार फिर खुद को साबित किया है,” और इसके पीछे नीति और बजटीय समर्थन की भी अहम भूमिका रही है।
सेना संचालन महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने आतंकवाद की बदलती प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अब आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “पहलगाम तक पाप का ये घड़ा भर चुका था,” यह दिखाते हुए कि भारत की निर्णायक कार्रवाई क्यों जरूरी थी।
नौसेना संचालन महानिदेशक वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने भी संयुक्त सैन्य समन्वय की भूमिका को रेखांकित किया और बताया कि किस तरह तीनों सेनाओं की तालमेलपूर्ण कार्रवाई ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को सफलता दिलाई। उन्होंने कहा कि यह भारत की नई रणनीतिक दृढ़ता का परिचायक है, जो उभरते खतरों के खिलाफ पूरी तरह तैयार है।