इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, हम आर्टेमिस समझौते को अमेरिका के साथ एक राजनीतिक जुड़ाव के रूप में देख रहे हैं। यह आशय का एक बयान है कि जब अमेरिका अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोगात्मक कार्य का प्रस्ताव दे रहा है, विशेष रूप से सौहार्दपूर्ण माहौल में बाहरी ग्रहों की खोज विभिन्न राष्ट्र, हम इससे सहमत हैं। हम अमेरिका के साथ काम करना चाहेंगे, खासकर उन प्रौद्योगिकियों पर जो उच्च स्तर की हैं। इससे अंतरिक्ष क्षेत्र में काम कर रहे भारतीय उद्योगों के लिए अमेरिकी कंपनियों के साथ काम करने के अवसर खुलेंगे जो समान रूप से काम कर रहे हैं।
यह चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने में एंड-टू-एंड क्षमता प्रदर्शित करने के लिए चंद्रयान -2 का अनुवर्ती मिशन है। इसमें लैंडर और रोवर कॉन्फ़िगरेशन है। अधिकारियों के मुताबिक, चंद्रयान-3 को लॉन्च व्हीकल मार्क-III द्वारा श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा और यह 13 जुलाई को दोपहर 2:30 बजे निर्धारित है।
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