दिल्ली सरकार ने शनिवार को शहर के लगभग 2,700 स्कूलों के लिए एक अलग स्कूल बोर्ड के गठन को मंजूरी दी। शुरुआत में, 21-22 राज्य के सरकारी स्कूल दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (DBSE) से संबद्ध होंगे और अगले चार-पांच वर्षों में सभी स्कूलों को इसके तहत लाया जाएगा, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा।

दिल्ली में लगभग 1,000 सरकारी स्कूल और लगभग 1,700 निजी स्कूल हैं, जिनमें से अधिकांश सीबीएसई से संबद्ध हैं। नए बोर्ड में दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में एक कार्यकारी निकाय होगा, केजरीवाल ने कहा।

उन्होंने कहा कि डीबीएसई का उद्देश्य ऐसी शिक्षा प्रदान करना होगा जो "देशभक्त" और आत्म निर्भर छात्रों को तैयार करती है जो समाज और देश की सेवा निःस्वार्थ भाव से करते हैं।

बोर्ड स्कूली शिक्षा में सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं और उच्च अंत तकनीकों को लाएगा। उन्होंने कहा कि यह छात्रों की योग्यता के अनुसार शिक्षा प्रदान करेगा।

केजरीवाल ने कहा कि बच्चों को कट्टर देशभक्त, अच्छे इंसान और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से दिल्ली कैबिनेट ने शनिवार को दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के गठन को मंजूरी दी है। यह बोर्ड बच्चों में रटने पर नहीं, बल्कि उनमें समझ विकसित करने पर बल देगा। सीएम ने कहा, यह बोर्ड अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होगा और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से सहयोग लिया जाएगा।

बोर्ड बच्चों के विशेष व्यक्तित्व को बाहर निकालेगा और उसी के अनुसार उन्हें शिक्षा दी जाएगी। शिक्षा सत्र 2021-22 में दिल्ली सरकार के 20-25 स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से संबद्धता हटा कर इस बोर्ड से संबद्ध किया जाएगा और उम्मीद है कि अगले 4-5 साल में सभी हितधारकों की सहमति से सभी सरकारी और निजी स्कूल इससे संबद्ध हो जाएंगे। बोर्ड के लिए शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक गवर्निंग बाॅडी और सीईओ की अध्यक्षता में एग्जीक्यूटिव बाॅडी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि मैं इस बोर्ड के गठन से बहुत खुश और उत्साहित हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि इस बोर्ड के गठन से शिक्षा के क्षेत्र में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाएगा।

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