चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में आरक्षण की मांग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। बैठक के दौरान पीएम ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को तत्काल आरक्षण के दायरे में लाने का आह्वान किया। बैठक में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया समेत कई अधिकारी मौजूद थे।

चिकित्सा शिक्षा के लिए अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण की मांग जारी है। इस मामले को लेकर देश की कई अदालतों में मामले भी दर्ज किए गए, जो लंबे समय से लंबित हैं।

विशेष रूप से, राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेजों में, यूजी में 15% और पीजी में 50% सीटें अखिल भारतीय कोटा के अंतर्गत आती हैं। इसके तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण मिलता है, लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है।

बताया गया है कि समीक्षा बैठक में पीएम ने इच्छा जताई है कि नामित मंत्रालयों द्वारा चिकित्सा शिक्षा में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को अदालत के बाहर प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए।

पीएम मोदी ने स्वास्थ्य मंत्रालय से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भी आरक्षण लागू करने को कहा है। पीएम ने अधिकारियों को विभिन्न राज्यों में चिकित्सा शिक्षा के संबंध में ईडब्ल्यूएस आरक्षण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने और सभी राज्यों से वहां ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए आरक्षण की योजना की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए कहा है।

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