हैदराबाद।  हैदराबाद को प्रदूषणमुक्त बनाने की पहल के तहत ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) ने 100 आउट डोर एयर पोलुशन प्यूरीफाइर स्थापित करने की तैयारी कर ली है। पायलट योजना के तहत पहले 100 प्यूरीफायर यूनिट्स स्थापित किए जाएंगे और बाद में उनकी संख्या 500 तक बढ़ाई जाएगी।


रिपोर्ट्स की माने तो ये प्यूरीफायर सांस लेने में तकलीफ पहूंचाने वाली जहरीली चीजें फिल्टर करेंगे। इस तरह के प्यूरीफायर्स महाराष्ट्र और दिल्ली में पहले ही लगाए गए हैं और अब उन्हें हैदराबाद में लगाया जा रहा है।


रिपोर्ट्स के मुताबिक ये प्यूरीफायर्स सबसे पहले अधिक प्रदूषण वाले ट्रैफिक सिग्नलों के पास लगाए जाएंगे। एक बार उनके सफल होने के बाद मेट्रो स्टेशन्स, टोलगेट, रेलवे स्टेशन, पेट्रोल पंप और हवाई अड्डों पर प्यूरीफायर्स यूनिट लगाए जाएंगे। GHMC के अधिकारियों ने बताया कि इसी हफ्ते प्यूरीफायर्स से संबंधित अग्रीमेंट पर हस्ताक्षर होंगे।


GHMC के जोनल कमिशनर हरी चंदना ने बताया कि प्यूरीफायर लगाए जाने वाली 100 जगहें चिन्हित की जा चुकी हैं और शुक्रवार को होने वाली स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में मंजूरी मिलने का इंतजार है।


क्या हैं आउट डोर पोलुशन कंट्रोलर यूनिट्स ?

मनुष्य के लिए नुकसान पहुंचाने वाली हवा में मौजूद जहरीली वस्तुओं को फिल्टर करने वाले प्यूरीफायर्स को आउटडोर पोलुशन कंट्रोलर यूनिट्स कहा जाता है। ये प्यूरीफायर्स यूनिट्स कॉर्बन मोनाक्साइड (CO), वोलाटाइल ऑर्गनिक कंपाउंड्स (VOCs), हाइड्रो कॉर्बन्स जो वाहनों व फैक्ट्रियों से निकलकर हवा में फैलते हैं। यह हर प्यूरीफायर 60 फीट के दायरे में हवा की गुणवत्ता सुधारेंगे। हर यूनिट प्रति मिनट 2,000 क्यूबिक फीट हवा साफ करने की क्षमता है।


बहुगुणा टेक्नोमोटिव्स प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक संजय बहुगुणा ने बताया कि उनके पास ऐसी मशीनें हैं जो प्रदूषित हवा को साफ कर पूरे इलाके को प्रदूषणमुक्त होता है। हर प्यूरीफायर यूनिट के निर्माण में 75,000 रुपये खर्च होंगे, लेकिन ये सर्वाजनिक स्थलों पर मुफ्त में लगाए जाएंगे।


उन्होंने कहा कि उनका राजस्व मॉडल परियोजना की स्थिरता के साथ इकाई के रखरखाव को सुनिश्चित करता है। उन्होंने बताया कि इन सार्वजनिक स्थापितों के रखरखाव के लिए जरूरी राजस्व उनपर लगने वाले विज्ञापन बोर्ड् आदि से जुटाया जाएगा।


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