प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर आमरण अनशन करने वाले हैं. अन्ना हजारे ने ऐलान किया है कि अगर निर्भया के दोषियों को फांसी देने की तारीख एक सप्ताह के भीतर नरेंद्र मोदी सरकार तय नहीं करती है तो वे आमरण अनशन पर बैठेंगे. अन्ना हजारे सात दिन के बाद 2 दिनों के लिए पहले मौन व्रत रखेंगे, फिर आमरण अनशन शुरू करेंगे.
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सोमवार को कहा कि पिछली बार एक दुष्कर्मी व हत्यारे को 14 अगस्त 2005 को बंगाल में फांसी दी गई थी. हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में कहा, "तब से देश में मौत की सजा सुनाए गए किसी भी इस तरह के दोषी को फांसी की सजा नहीं दी गई है. मौजूदा वक्त में 426 दोषी फांसी की सजा का इंतजार कर रहे हैं."
हजारे ने कहा, "लोगों ने महसूस करना शुरू कर दिया है कि सिस्टम के माध्यम से न्याय पाने में देरी, बाधाएं और कठिनाइयां अपने आप में अन्याय है. हैदराबाद मुठभेड़ के जनसमर्थन का यही कारण है. लोग अब चाहते हैं कि इस तरह के 'मुठभेड़ों' में अपराधियों को खत्म कर दिया जाए." बता दें, निर्भया के दोषियों को सात साल बाद भी फांसी नहीं दी गई है. इस पर उसके परिजनों ने भी सवाल उठाना शुरू कर दिया है.
इस बीच निर्भया कांड के एक दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर अपनी दया याचिका वापस लेने की मांग की है. दोषी विनय शर्मा ने अपने वकील ए.पी. सिंह के माध्यम से शनिवार को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि उसे दया याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए.
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