विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने गुरुवार को भारत की पाकिस्तान नीति को लेकर एक बार फिर स्पष्ट और सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि भविष्य में पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद पर केंद्रित होगी। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत की नीति पूरी तरह से स्पष्ट और राष्ट्रीय सहमति पर आधारित है।

सिर्फ आतंक पर बात होगी: जयशंकर
नई दिल्ली में संवाददाताओं से बात करते हुए डॉ. जयशंकर ने कहा, “हमारे पाकिस्तान के साथ संबंध और वार्ताएं पूरी तरह द्विपक्षीय होंगी। यह वर्षों से राष्ट्रीय सहमति रही है और इसमें कोई बदलाव नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल आतंकवाद पर होगी। उन्हें (पाकिस्तान को) पता है कि क्या करना है – आतंकवादियों की सूची सौंपी जानी है और उनके ढांचे को खत्म करना है।”

ऑपरेशन सिंदूर और सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा
डॉ. जयशंकर ने हाल ही में 7 मई को किए गए ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र किया, जो पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था। उन्होंने कहा कि इस अभियान को वैश्विक समर्थन प्राप्त हुआ और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने भी हमले के दोषियों को सज़ा दिलाने की बात कही थी।

उन्होंने आगे बताया कि “10 मई की सुबह पाकिस्तान को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया गया। सैटेलाइट तस्वीरें साफ दिखाती हैं कि हमने कितना प्रभावी हमला किया और उन्होंने कितना कम नुकसान किया। इससे साफ हो जाता है कि संघर्षविराम की पहल किसकी तरफ से आई थी।”

सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी
एक अहम कूटनीतिक बयान में विदेश मंत्री ने पुष्टि की कि सिंधु जल संधि अभी भी निलंबित है। उन्होंने कहा, “जब तक पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और स्थायी रूप से नहीं रोका जाता, तब तक यह संधि स्थगित ही रहेगी।”

भारत-होंडुरास संबंधों में मजबूती
यह बयान उन्होंने होंडुरास के नये दूतावास के उद्घाटन अवसर पर दिया। उन्होंने इसे भारत की बढ़ती कूटनीतिक पहुंच की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा, “होंडुरास व्यापार में रुचि रखने वाला और भारत के प्रति समर्थन जताने वाला देश है। पहलगाम हमले के बाद उन्होंने हमारे साथ एकजुटता दिखाई, जिसकी मैंने सराहना की।”

कश्मीर पर भारत का रुख साफ
कश्मीर मुद्दे पर डॉ. जयशंकर ने भारत की स्पष्ट नीति दोहराते हुए कहा, “कश्मीर पर चर्चा के लिए केवल एक ही विषय बचा है – पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली कराना। हम इस पर बात करने को तैयार हैं।”

भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता जारी
अलग विषय पर, उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं पर भी टिप्पणी की। “भारत और अमेरिका के बीच व्यापार से जुड़ी बातचीत जारी है। ये जटिल मसले हैं और तब तक कोई फैसला नहीं होता, जब तक हर पहलू पर सहमति न बन जाए,” उन्होंने कहा। साथ ही यह भी जोड़ा कि कोई भी समझौता “पारस्परिक रूप से लाभकारी” होना चाहिए।

भारत की यह आक्रामक, लेकिन संतुलित विदेश नीति, न सिर्फ सुरक्षा और संप्रभुता पर बल देती है, बल्कि विश्व मंच पर भारत की रणनीतिक स्थिति को और मजबूत बनाती है।








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