
"संकट के समय मैंने भारतीय के तौर पर बोला"
तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बात करते हुए थरूर ने कहा, “संकट के समय मैंने एक भारतीय के तौर पर बोला। मैंने कभी यह दावा नहीं किया कि मैं किसी और की ओर से बोल रहा हूं। मैं न तो पार्टी का प्रवक्ता हूं और न ही सरकार का। जो भी मैंने कहा है, उसका जिम्मेदार मैं खुद हूं — और मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है।”
उन्होंने बताया कि उनका बयान भारत के दृष्टिकोण को विशेषकर अमेरिका, यूरोप और मध्य-पूर्व जैसे क्षेत्रों में स्पष्ट करने के लिए था।
आतंकवाद के खिलाफ सरकार के रुख का समर्थन
थरूर ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का हवाला देते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सरकार की कार्रवाई का वह पूरी तरह समर्थन करते हैं। “आतंकवाद का डटकर विरोध होना चाहिए। इस पर पूरा देश एकजुट है। सरकार ने जिन आतंकियों की पहचान की है, उन्हें कहीं भी मिले, कार्रवाई होनी चाहिए। मैं सरकार के इस फैसले के साथ 100 प्रतिशत हूं।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका बयान पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ाने के पक्ष में नहीं था, बल्कि केवल आतंकवाद के खिलाफ था। उन्होंने कहा, “आतंकवाद एक अलग मुद्दा है। आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में हम सरकार के साथ हैं।”
कांग्रेस ने बनाई दूरी
हालांकि थरूर के इस रुख की बीजेपी के कुछ नेताओं ने सराहना की, कांग्रेस पार्टी ने उनके बयानों से दूरी बना ली है। पार्टी ने कहा कि थरूर के विचार व्यक्तिगत हैं और पार्टी की आधिकारिक राय नहीं है।
कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया कि थरूर द्वारा "भारत कभी भी पाकिस्तान के साथ किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं स्वीकार करेगा" वाली बात पार्टी की अधिकृत राय नहीं है।
पार्टी सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि थरूर ने ‘लक्ष्मण रेखा’ पार की है, खासकर जब ऐसा बयान एक संवेदनशील मुद्दे पर पार्टी लाइन से अलग जाकर दिया गया हो।
विरोधियों से प्रशंसा, अपनों से आलोचना
जहां बीजेपी नेताओं ने थरूर के बयान की सराहना की, वहीं कांग्रेस के भीतर इससे नाराजगी दिखी। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा, “विडंबना है कि थरूर शायद कांग्रेस के एकमात्र नेता हैं जिन्होंने इस मुद्दे पर समझदारी दिखाई और भारत के साथ खड़े हुए। लेकिन राहुल गांधी के आसपास का समूह उन्हें स्वीकारने को तैयार नहीं है।”
थरूर ने इस बात का भी खंडन किया कि भारत ने हालिया तनाव के दौरान अमेरिका की कोई मध्यस्थता स्वीकार की हो। उन्होंने कहा, “भारत ने स्थिति को जिम्मेदारी से संभाला है। केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया है, सैन्य ठिकानों को नहीं — जिससे तनाव और न बढ़े।”
अब तक कांग्रेस पार्टी ने थरूर को कोई आधिकारिक फटकार नहीं दी है। थरूर ने कहा, “मुझे पार्टी से कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है, मैं सिर्फ मीडिया रिपोर्ट्स देख रहा हूं।”