नयी दिल्ली। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां अमेजन और फ्लिपकार्ट के बीच कीमतों और छूट को लेकर विवाद गहरा गया है। व्यापारी संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नीति का उल्लंघन किए जाने के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। 

कैट ने इस मसले पर बातचीत के लिए प्रधानमंत्री से समय मांगा है। 

कैट ने अपने पत्र में मोदी से अमेजन और फ्लिकार्ट के बिजनेस मॉडल की ओर ध्यान देने का आग्रह किया है। व्यापारी संगठन का मानना है कि ये कंपनियां प्रेस नोट-2 का उल्लंघन कर रही है जिसमें सरकार की 2018 की एफडीआई नीति को अपग्रेड किया गया है। 

कैट ने कहा कि इससे कारोबार के क्षेत्र में असमानता पैदा हो गई है और अनुचित एवं अनैतिक प्रतिस्पर्धा बढ़ने से भारत का रिटेल कारोबार अव्यवस्थित हो गया है। 

व्यापारी संगठन ने कहा, "सवाल यह है कि क्या अमेजन और फ्लिकार्ट जैसी कंपनियों को सरकार की नीतियों का उल्लंघन करने की इजाजत दी जाएगी और ब्रांड वाली कंपनियों और बैंकों को इन ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ कॉर्टेल बनाने की इजाजत दी जाएगी अथवा सरकार द्वारा उनके बिजनेस मॉडल की कोई जांच की जाएगी। अथवा उनके लिए भारत के ई-कॉमर्स बाजार को खुला छोड़ दिया जाएगा कि वे जहां भी चाहें वहां कारोबार करें।"
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने दोनों कंपनियों के बिजनेस मॉडल पर आपत्ति जाहिर की है। 


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