40 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए प्रदर्शनकारी किसानों का आज  केंद्र के साथ आठवें दौर की वार्ता हुई  है। पिछले सात दौर की वार्ता की तरह, आठवां दौर भी व्यापक समाधान के बिना समाप्त हुआ। अगली बैठक 15 जनवरी को होगी।

विज्ञान भवन में आयोजित किसान यूनियनों और सरकार के बीच आठवें दौर की वार्ता ने पहले कुछ मिनटों में ही सड़क पर हलचल मचा दी थी क्योंकि दोनों पक्ष अपने रुख पर कायम थे। किसान यूनियनें कृषि कानूनों की पूर्ण वापसी की मांग करती रहती हैं, जबकि सरकार उन्हें निरस्त नहीं करने के लिए कृतसंकल्प है।

सूत्रों के अनुसार, किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बैठक में सरकार से कहा कि उसे कृषि क्षेत्र में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा कि आप इस मुद्दे को हल करने का इरादा नहीं रखते हैं। क्यों समय बर्बाद करते हैं? हमें बताएं कि कब आप कानून को रद्द करने पर अपना शब्द दे सकते हैं  तब  हम आंदोलन को समाप्त कर देंगे, उन्होंने कहा।

 सरकार ने दोनों पक्षों के सदस्यों के साथ एक अनौपचारिक समूह बनाने का प्रस्ताव किया है। अनौपचारिक समूह को स्वीकार्य बिंदु सुझाने का काम सौंपा जाएगा, हालाँकि, सुझाव बाध्यकारी नहीं होंगे।

सरकार ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि वह सर्वोच्च न्यायालय से इस मामले में रोज़ाना सुनवाई करने का आग्रह करेगी ताकि फैसले की गति बढ़ाई जा सके। लेकिन किसान नहीं माने और बातचीत का आठवां दौर बिना हल के खत्म हुआ। अगली बैठक 15 जनवरी को होगी।

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