रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) अधिनियम 2023 के तहत दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो सशस्त्र बलों में अधिक संयुक्तता और कमांड दक्षता सुनिश्चित करेंगे। ये नियम 27 मई से लागू हो गए हैं, जिन्हें एक राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित किया गया है।


यह महत्वपूर्ण कदम अंतर-सेवा संगठनों (ISOs) में प्रभावी कमांड, नियंत्रण और कुशल कार्यप्रणाली को मजबूत करेगा, जिससे सशस्त्र बलों के बीच संयुक्त संचालन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।


यह अधिनियम संसद के मानसून सत्र 2023 में दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था और 15 अगस्त 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त हुई थी। अधिनियम 10 मई 2024 से प्रभाव में आया है, जैसा कि 8 मई 2024 की राजपत्र अधिसूचना में उल्लेख किया गया है।


इस अधिनियम के अंतर्गत, अंतर-सेवा संगठनों के कमांडर-इन-चीफ और ऑफिसर-इन-कमांड को उनके अधीन तैनात सेवा कार्मिकों पर कमांड और नियंत्रण का अधिकार प्राप्त होगा। इससे संगठन के भीतर अनुशासन और प्रशासन का प्रभावी रखरखाव सुनिश्चित होगा। यह सभी सशस्त्र बलों की विशिष्ट सेवा शर्तों को प्रभावित किए बिना लागू किया जाएगा।


इस अधिनियम के अंतर्गत, अंतर-सेवा संगठनों के कमांडर-इन-चीफ और ऑफिसर-इन-कमांड को उनके अधीन तैनात सेवा कार्मिकों पर कमांड और नियंत्रण का अधिकार प्राप्त होगा। इससे संगठन के भीतर अनुशासन और प्रशासन का प्रभावी रखरखाव सुनिश्चित होगा। यह सभी सशस्त्र बलों की विशिष्ट सेवा शर्तों को प्रभावित किए बिना लागू किया जाएगा।








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