अमरनाथ यात्रा 2020 और 2021 में कोरोनोवायरस महामारी के कारण नहीं की जा सकी, जबकि 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से ठीक पहले इसे छोटा कर दिया गया था। तीर्थयात्रा सरकार के लिए एक बड़ी सुरक्षा चुनौती होगी क्योंकि जम्मू और कश्मीर को भारत में एक बड़ी सुरक्षा चुनौती दी गई है। हाल के सप्ताहों में जम्मू-कश्मीर आतंकवादियों द्वारा लक्षित कई हत्याओं का साक्षी रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि गृह सचिव ने अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पहलगाम और बालटाल के रास्ते दो तीर्थ मार्गों पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के अलावा लगभग 12,000 अर्धसैनिक बल (120 कंपनियां) तैनात किए जाने की उम्मीद है।
अधिकारियों ने कहा कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सुरक्षा बलों की मदद के लिए ड्रोन कैमरे तीर्थ मार्गों पर मंडराएंगे। यात्रा में लगभग तीन लाख तीर्थयात्रियों के भाग लेने की संभावना है, जो 11 अगस्त को समाप्त होने की उम्मीद है। तीर्थयात्रियों को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टैग भी दिए जाएंगे।
click and follow Indiaherald WhatsApp channel