धनतेरस का पर्व 25 अक्टूबर 2019, शुक्रवार को मनाया जाएगा, इस दिन लोग नई चीजों की ख़रीदारी करते हैं| खास कर नई झाड़ू और चाँदी या फिर सोने के गहने जरूर खरीदते हैं, इसके साथ ही इस दिन भगवान धन्वन्तरी की पूजा, यमदेव की पूजा और भगवान गणेश, माता लक्ष्मी की पूजा की जाती हैं| धनतेरस के दिन यम का दिया जलाया जाता हैं, ऐसी मान्यता हैं कि धनतरेस के दिन यम का दिया जलाने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता हैं| ऐसे में आज हम आपको धनतरेस पर पूजा कैसे, के बारे में बताने जा रहे हैं|



पूजा विधि
धनतेरस पर पूजा करने के लिए सबसे पहले शाम को यम दीपक जलाए, इसके लिए पूजा स्थान पर एक लकड़ी का पट्टा रखे और फिर उस पर रोली से स्वास्तिक का चिन्ह बना ले| स्वास्तिक का चिन्ह बनाने के बाद इसके ऊपर एक दीपक रखे और फिर दीपक को जला दीजिये| दीपक जलाने के बाद एक छेद वाली कौड़ी ले और इसे दीपक में रख दे, दीपक में कौड़ी डालने के बाद आप हाथों मे थोड़ा सा गंगा जल लेकर दीपक के चारों ओर तीन बार छिड़क दे| इतना करने के बाद अब दीपक को रोली से तिलक करे और फिर चावल अर्पित करे| अब दीपक के अंदर थोड़ी से चीनी, एक रुपये का सिक्का रख दे| अब कुछ फूल लेकर दीपक को अर्पित करे, फूल अर्पित करने के बाद हाथ जोड़कर दीपक को प्रणाम करे| दीपक को प्रणाम करने के बाद परिवार के सभी सदस्यों को तिलक लगाएँ, अब इस दीपक को उठाकर घर के मुख्य द्वार के बाहर, दाहिने ओर रख दे| यमदेव दान के बाद अब धन्वन्तरी भगवान की पूजा करे, इसके लिए पूजा घर में बैठकर भगवान धन्वन्तरी के मंत्र ‘ॐ थं धन्वन्तरये नमः’ का जाप कम से कम 108 बार करे|



मंत्र जाप करने के बाद भगवान धन्वन्तरी से कहें कि हे भगवान धन्वन्तरी ये जप आपके चरणों में समर्पित करता हूँ, कृपया हमें उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करे, इसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी जी पूजा अवश्य करे| यदि आप इस तरह से धनतेरस की पूजा करते हैं तो आपको उत्तम स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि मिलती हैं, आपके ऊपर सदैव माता लक्ष्मी और भगवान धन्वन्तरी की कृपा सदैव रहती है| दरअसल भगवान धन्वन्तरी आवुर्वेद के देवता माने जाते हैं और वो समुद्र मंथन में अपने हाथों में कलश में धन के साथ प्रकट हुये थे, वहीं यमदेव मृत्यु के देवता माने जाते हैं|

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