त्‍योहारों का मौसम आ चुका है। करवा चौथ और फिर दीवाली जैसे फेस्टिवल्‍स की झड़ी लगी हुई है। हिन्‍दू धर्म में यह सारे पर्व बेहद शुभ माने जाते हैं। इन अवसरों पर अकसर घर की महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं । हम सभी ने सोलहा श्रृंगार के बारे में बहुत कुछ सुना हुआ है। सोलह श्रृंगार की प्रक्रिया में सिर से लेकर पैरों तक का श्रृंगार किया जाता है। जब बात पैरों के श्रृंगार की आती हैं तो महिलाएं पायल और बिछिया पहनने के साथ ही पैर में महावर भी लगाती हैं। महावर को आलता भी कहा जाता है। वैसे तो यह काफी पुराना ट्रेंड है मगर, जैसे-जैसे लोग मॉर्डन होते जा रहे हैं ठीक उसी प्रकार आलाता लगाने के डिजाइनों में भी बदलाव देखा जा रहा है। बॉलीवुड मूवीज ने भी इस ट्रेंड को काफी बढ़ावा दिया है और आलता के नए-नए डिजाइन इंट्रोड्यूस किए हैं। आलता में भी महंदी की तरह अब अलग-अलग डिजाइंस उपलब्‍ध हैं। चलिए कुछ डिजाइंस के बारे में हम आपको बताते हैं। 


Latest alta designs for feet try this festival season beside mehendi

चांद पट्टी डिजाइन 

आलता लगाने की सबसे आसान डिजाइन है ‘चांद पट्टी’। इस डिजाइन में पैरों की उंगलियों पर आलता लगाया जाता है और उसके कुछ नीचे आलाता से चांद बना दिया जाता है और फिर चांद के उपर-नीचे दो पट्टियां खींच दी जाती हैं। मगर अब चांद पट्टी की डिजाइन में बदलाव हुआ है। अब ब्रश की सहायता से चांद को और पट्टी दोनों के आस-पास डॉट्स बना कर डेकोरेशन होती हैं, जो बेहद खूबसूरत लगती है। इसके बाद चांदी की पायल और बिछिया पहन कर आलता से सजे पैरों को और भी ज्‍यादा खूबसूरत बनाया जा सकता है। 

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आलता आउटलाइन डिजाइन 

आप चाहें तो आलता से अपने पैर के पंजों की आउटलाइन बना सकती हैं। इसके लिए आप ब्रश का इस्‍तेमाल करें और आप चाहें तो बिना डिजाइन के पूरे पंजे पर आउटलाइन बन लें या फिर आप इसे थोड़ा डिजाइनर भी बना सकती हैं। इसके लिए बेल पत्‍ती की चेन, मोर डिजाइन और एरेबिक डिजाइन बना सकती हैं। आप सिपंल पट्टीदार डिजाइन भी बना सकती हैं। 

महंदी के साथ आलता 

अगर आप पैरों को मेहंदी और आलता दोनों से सजाना चाहती हैं तो आप पहले पैरों पर हिना लगा कर रचा लें और फिर पैरों में आलता से मेहंदी की डिजाइन पर आउटलाइन बनाएं। आप चाहें तो मेहंदी लगाते वक्‍त ऐसी डिजाइन बनाएं जिसमें आलाता को फिल करने की स्‍पेस छोड़ दें मेहंदी के रचने के बाद उन जगहों को आलता से फिल कर दें। इससे पैर बेहद खूबसूर दिखाई देते हैं। 

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आलता विद स्‍पार्कल

आपने स्‍पार्कल महंदी के बारे में सुना भी होगा और देखा भी होगा। मगर स्‍पार्कल आलता के बारे में नहीं सुना होगा। आप आलता के साथ यह एक्‍सपेरीमेंट भी कर सकती हैं। आप पहले पैरों में आलता से डिजाइन बना लें और फिर उसी डिजाइन पर स्‍पार्कल से आउटलाइन बना लें। आप चाहें तो एक रंग या फिर 2 रंग का स्‍पार्क भी यूज कर सकती हैं। स्‍पर्कल न यूज करना चाहें तो आप गोल्‍डन और सिल्‍वर आईलइनर से भी आउटलाइन बना सकती हैं।

आलते से लगाएं मेहंदी 

पतले ब्रश का इस्‍तेमाल कर आप अपने पैरों में आलता से मेहंदी जैसे महीन डिजाइन भी बना सकती हैं या फिर लेहरिया डिजाइन बना कर पैरों को सजा सकती हैं।

आलते और मेहंदी में क्‍या होता है फर्क 

हिंदु उपनीसदों में में आलता का व्‍याख्‍यान मिलता है। इसे हिंदु धर्म में सोलहा श्रृंगार का एक हिस्‍सा माना गया है। ऐसा भी माना जाता है कि भगवान कृष्‍ण अपनी प्रेमिका राधा के पैरों में महावर लगाते थे वहीं से यह प्रथा शुरू हुई अब इस प्रथा ने फैशन का रूप धारण कर लिया है। वैसे भारत में पहले पैरों और हाथों में आलता लगाने का ही ट्रेंड था, मगर जब देश पर मुस्लिम शासकों ने राज किया तब वह अपने साथ हिना लेकर भारत आए और तब से हिना का ट्रेंड भारत आया। मगर हिना के आने से आलता लगाने का क्रेज महिलाओं में कम नहीं हुआ। 




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