प्रशांत किशोर, बिहार में मुख्यमंत्री के सलाहकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता सुशील कुमार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करने वाले है| सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहा था कि "प्रशांत किशोर को लगभग नौ करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है, ताकि वह बिहार के विकास के लिए नई विस्तृत योजना तैयार करें, और उसका प्रचार भी करें|" बीजेपी नेता ने कहा कि "39-वर्षीय प्रशांत किशोर को इस रकम का भुगतान दिल्ली के निकट नोएडा में रजिस्टर की गई फर्म 'सिटिज़न्स एलायंस प्राइवेट लिमिटेड' के ज़रिये किया गया|"
प्रशांत किशोर के करीबी सूत्रों का कहना है कि ज्यादा जोर मानहानि के दावे पर दिया जाएगा कि हालांकि प्रशांत ने 2013 में गैर-मुनाफा पॉलिसी ग्रुप के रूप में सिटिज़न्स एलायंस की स्थापना में मदद की थी, परंतु अब वह एक अन्य गैर-मुनाफा संस्था I-PAC या इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी के ज़रिये काम करते हैं| खबरों के मुताबिक 2014 में सिटिज़न्स एलायंस को आम चुनाव के बाद खत्म कर दिया गया था, और अब प्रशांत किशोर का उससे कोई लेना-देना नहीं है|
प्रशांत किशोर को 'बिहार@2025 विज़न डॉक्यूमेंट' नामक दस्तावेज़ तैयार करना ज़िम्मेदारी का हिस्सा है, जिसके तहत देश के सबसे पिछड़े राज्यों में शुमार किए जाने वाले इस सूबे की तरक्की के लिए योजनाएं तैयार करना भी शामिल है| सुशील कुमार मोदी ने कहा, "राज्य के लिए विज़न दस्तावेज़ तैयार करने की खातिर 9.31 करोड़ रुपये ले लेने के बाद प्रशांत किशोर ने न वह डॉक्यूमेंट तैयार किया, न मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वाह किया..."
शांत किशोर की लंबे समय से बिहार से गैरमौजूदगी पर सुशील मोदी ने इशारा किया, क्योंकि इस दौरान वह पंजाब और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी को सेवाएं दे रहे हैं|