
कोलकाता। मॉब लिचिंग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने विधेयक पारित किया है। इस विधेयक के तहत मारपीट और पीडि़त को घायल करने के अपराध पर तीन साल कारावास से लेकर आजीवन कैद तक का प्राविधान किया गया है।
बीते शुक्रवार को विधानसभा में इस विधेयक पेश किया गया। विपक्षी माकपा और कांग्रेस ने इस विधेयक का समर्थन किया है।
मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी भाजपा ने इस विधेयक का न तो समर्थन किया और न ही विरोध क्योंकि उसे लगता है कि इस कानून का उपयोग राजनीतिक तौर पर फायदा उठाने के लिए किया जा सकता है।
विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सदन में कहा, ''लिंचिंग एक सामाजिक बुराई है और हम सभी को उसके खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।
उन्होंने कहा, ''केंद्र सरकार को उसके विरुद्ध कानून लाना चाहिए। चूंकि उसने अबतक ऐसा किया नहीं है। इसलिए हम इस सामाजिक बुराई के खिलाफ संघर्ष के लिए अपने राज्य में यह कानून ला रहे हैं।"
इस विधेयक का उद्देश्य लिंचिंग की चपेट में आने वाले व्यक्तियों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना और लिंचिंग की घटनाएं रोकना है। इसमें ऐसे अपराध को करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव है।