नगालैंड की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के सभी सात विधायक सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) में शामिल हो गए हैं। इस घटनाक्रम के बाद अजित पवार ने एक प्रतिनिधिमंडल को कोहिमा भेजा है जो स्थिति की समीक्षा करेगा और कथित ‘विधायक तोड़ने’ के आरोपों की जांच कर रिपोर्ट तैयार करेगा।
एनसीपी का आरोप – गठबंधन धर्म का उल्लंघन
एनसीपी ने NDPP पर गठबंधन की नैतिकता का उल्लंघन करते हुए विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाया है। अजित पवार इस मुद्दे को आगामी एनडीए बैठक में उठाने की तैयारी कर रहे हैं। कोहिमा पहुंचने वाला एनसीपी प्रतिनिधिमंडल नगालैंड इकाई के नेताओं से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेगा और एक विस्तृत रिपोर्ट मुंबई भेजेगा।
स्पीकर की मंजूरी के बाद विधायकों का विलय वैध
नगालैंड विधानसभा अध्यक्ष शेयरिंगैन लॉन्गकुमर ने शनिवार को सातों विधायकों के NDPP में विलय को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी। सभी विधायकों ने विलय पत्र सौंपे और यह प्रक्रिया संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत पूरी की गई। स्पीकर ने विधानसभा सचिवालय को पार्टी संबद्धता में बदलाव दर्ज करने का निर्देश भी दे दिया।
अब NDPP की संख्या 32, सरकार और मज़बूत
NDPP के वरिष्ठ मंत्री जी. केन्ये ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "अब 14वीं नगालैंड विधानसभा में NDPP की संख्या 25 से बढ़कर 32 हो गई है। यह सरकार की स्थिरता और सुचारु संचालन के लिए अहम है।"
वर्तमान सीट विभाजन – एनडीपीपी को बढ़त
विलय के बाद विधानसभा में सीटों का नया आंकड़ा इस प्रकार है:
NDPP – 32
BJP – 12
NPP – 5
LJP (रामविलास) – 2
Naga People’s Front – 2
RPI (अठावले) – 2
JDU – 1
निर्दलीय – 4
इस राजनीतिक फेरबदल ने मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की सरकार को और मजबूती प्रदान की है। पार्टी नेताओं का कहना है कि सीट बंटवारे को लेकर अभी कोई तय फार्मूला नहीं है, लेकिन गठबंधन सरकार स्थिर बनी रहेगी।
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