गुरुग्राम की एक जिला अदालत ने चीनी ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अलीबाबा और उसके संस्थापक जैक मा को एक मामले में तलब किया है जिसमें भारत के एक पूर्व कर्मचारी का कहना है कि कंपनी के ऐप पर सेंसरशिप और फर्जी खबर के रूप में जो देखा गया, उस पर आपत्ति जताने के बाद उसे गलत तरीके से नौकरी से निकाल दिया गया था।
रायटर्स के मुताबिक, 20 जुलाई को अलीबाबा के UC Web कंपनी के पूर्व कर्मचारी पुष्पेंद्र सिंह परमार ने शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें उन्होंने कंपनी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि कंपनी ने चीन की असुविधा को देखते कंटेट को सेंसर किया. इसके अलावा कंपनी के ऐप्स UC Browser and UC News ने सोशल और राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने के लिए झूठी खबरों को दिखाया. शिकायत पर सिविल जज सोनिया शिवकंड ने अलीबाबा और जैक मा को समन जारी किया. साथ ही कंपनी के प्रतिनिधियों को कोर्ट में वकील के माध्यम से 29 जुलाई को हाजिर होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कंपनी से लिखित रूप में 30 दिनों के अंदर जवाब भी मांगा है.
अलीबाबा के प्रतिनिधियों ने कंपनी और जैक मा की तरफ से टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. परमार ने गुरुग्राम के UC Web कार्यालय में अक्टूबर 2017 तक बतौर एसोसिएट डायरेक्टर के तौर पर काम किया था. उन्होंने कंपनी से 2 लाख 68 हजार डॉलर की मांग की है. पूछे जाने पर कोर्ट का हवाला देते हुए कुछ भी बोलने से मना कर दिया. गौरतलब है कि ये ये मामला भारत सरकार के चीनी ऐप्स को बैन करने की कार्रवाई के कई हफ्तों बाद आया है. 59 प्रतिबंधित चीनी ऐप्स में अली बाबा की UC News और UC Browser भी शामिल है.
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