आज हमारे (भाजपा के साथ) अलग-अलग राजनीतिक विचार हैं लेकिन द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी महिला हैं और हम आदिवासियों का समर्थन करते हैं। इसलिए हम द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट करेंगे, शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा। इसके साथ ही 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए मुर्मू को समर्थन देने वाली पार्टियों का वोट शेयर 60 फीसदी को पार कर गया है।
शिवसेना वस्तुतः दो गुटों में विभाजित है, एक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में और दूसरा एकनाथ शिंदे द्वारा, जो पिछले महीने पूर्व के खिलाफ विद्रोह के बाद भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे। शिंदे गुट मुर्मू को पहले ही समर्थन दे चुका है। ठाकरे ने कहा कि शिवसेना बिना किसी दबाव के मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा कर रही है।
उन्होंने कहा, वास्तव में वर्तमान राजनीतिक माहौल को देखते हुए, मुझे उनका (मुर्मू) समर्थन नहीं करना चाहिए था क्योंकि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार हैं। लेकिन हम संकीर्ण सोच वाले नहीं हैं। यहाँ एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का मौका मिल रहा है। ठाकरे ने एक दिन पहले मुंबई में अपने आवास पर हुई शिवसेना सांसदों की बैठक का जिक्र करते हुए कहा, शिवसेना सांसदों की बैठक में मुझ पर किसी ने दबाव नहीं डाला।
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