जैसा की जानकारी के अनुसार पता चला है भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली कार निर्माता कंपनी ने भारत की ही एक मॉडल को अपने प्रचार के लिए साइन किया है। अब ऐसा क्यों किया गया किस वजह से किया गया इसके लिए आपको यह भी बता दें की भारत हमेशा से ही अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया में अपनी पहचान रखता है और निश्चित रूप से अगर आपको अपने किसी भी उत्पाद की बिक्री को बढ़ाना है तो उसे ना सिर्फ बेहतर बनाना होगा बल्कि उसका प्रचार भी बेहतर तरह से करना होगा, आज के समय में हम सभी जानते हैं की प्रचार का विज्ञापन का किसी भी उत्पाद के लिए क्या महत्व है। ऐसे में एक विदेशी कार कंपनी ने जिसके लिए भारत सबसे बड़ा व्यापार केंद्र हैं उसने एक भारतीय माडल तथा अभिनेत्री को चुना है। अब वो कौन सी कंपनी है और उसने किस भारतीय मॉडल को कार के प्रचार के लिए चुना है ये सब हम आपको बताने जा रहे हैं।

हम बात कर रहे हैं कोरियाई कंपनी हुंडई के बारे में, दक्षिण कोरिया की सबसे दिग्गज कम्पनी कहीं जाने वाली हुंडई मोटर कार, भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली कम्पनी कहलाती है। इसके पीछे की बड़ी वजह इस कंपनी की बेहतर सर्विस और कस्टमर को अच्छी क्वालिटी देना है। पिछले साल वर्ष 2018 में इस कंपनी के द्वारा बनी ग्रैंड i 20 ने सभी कार का रिकॉर्ड तोड दिया था। शायद यही कारण है कि इस कार निर्माता कंपनी ने जापान की सबसे फैमस और भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली सुजुकी को पीछे छोड़ दिया है, और फिलहाल भारतीय बाजार में पहले नंबर कि जगह बना ली है। गौरतलब है कि पिछले 20 वर्षों से भारत के बाजार में मारुति सुजुकी सबसे पहले नंबर पर रहती आ रही थी, कई बार टाटा मोटर्स ने इसे चुनौती दी, लेकिन पूरी तरह से मार्केट पर राज नहीं कर सकी।
शाह कर रही है प्रचार

फिलहाल तो आपकी जानकारी के लिए बता दें की साउथ कोरिया की हुंडई के द्वारा जल्द लॉन्च होने वाली ग्रैंड i10 nios के लिए भारत की एक फिटनेस ट्रेनर और मॉडल रिची शाह को लिया गया है, आप इन तस्वीरों में देख सकते हैं। भारत में हुंडई मोटर पहले से ज्यादा सक्रिय हो गई है, और अब यह कंपनी किसी भी तरह से सुज़ुकी और बाकी अन्य कम्पनियों को भारत पर हावी नहीं होने दे रही। भारत में हुंडई के मैनेजर का कहना है कि इस बार दोबारा यह कम्पनी एक अच्छी सर्विस और बेहतर माइलेज के चलते कस्टमर का दिल जीतेगी। अब देखना ये हैं की इस बेहद ही बोल्ड भारतीय मॉडल के आने से कार की बिक्री पर कितना ज्यादा प्रभाव पड़ता है और कंपनी को इससे कितना लाभ मिलता है।