अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सोमवार से ईरान पर नए प्रतिबंध लगा सकते हैं। ट्रम्प ने कहा कि हम ईरान को परमाणु हथियार विकसित नहीं करने देंगे। ईरान ने दावा किया था कि उसकी सेना ने गुरुवार को अमेरिका के एक ड्रोन को मार गिराया। इस सवाल पर ट्रम्प ने कुछ नहीं कहा। इस घटना के बाद से ही दोनों देशों के बीच विवाद काफी बढ़ा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने ईरान के मिसाइल कंट्रोल सिस्टम और जासूसी नेटवर्क पर कई बार साइबर हमले किए।
ट्रम्प ने ट्वीट किया, ‘ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते! ओबामा की खतरनाक योजना के तहत वे बहुत ही कम सालों में न्यूक्लियर के रास्ते पर आ गए। अब बगैर जांच के यह स्वीकार्य नहीं होगा। हम सोमवार से ईरान पर बहुत सारे प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं। हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं, जब ईरान से प्रतिबंध हट जाएंगे और वह फिर से एक समृद्ध राष्ट्र बन जाएगा।’
ट्रम्प ने कहा- सैन्य कार्रवाई पर विचार होता रहेगा
ट्रम्प ने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के सवाल पर कहा, “जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता तब तक इस पर विचार होता रहेगा।” वहीं, ईरान की सेना ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि हमारे खिलाफ किसी भी तरह का हमला करना अमेरिका को महंगा पड़ेगा।
ईरान ने 2015 में किया था परमाणु समझौता
2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जताई थी। ट्रम्प ने मई 2018 में घोषणा करते हुए ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था। तभी से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है।
अमेरिका ने साइबर हमले की रिपोर्ट को नकाराओमान की खाड़ी में 13 जून को दो तेल टैंकरों पर हमला कर उन्हें ब्लास्ट कर दिया गया था। अमेरिका ने इसका सीधा आरोप ईरान पर ही लगाया। साथ ही ट्रम्प के आदेश पर एक हफ्ते से ज्यादा समय तक ईरान पर कई बार साइबर हमले किए गए। अमेरिका के सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका ने कोई साइबर अटैक नहीं किया है।
click and follow Indiaherald WhatsApp channel