प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पिछली राज्य और केंद्र सरकारों पर बुंदेलखंड क्षेत्र को लूट करने वाले माफिया तत्वों को अपने संसाधन और जंगल सौंपकर तबाह करने का आरोप लगाया। सूखे बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की कमी को समाप्त करने के उद्देश्य से कई परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने बारी-बारी से इस क्षेत्र को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

यह किसी से छिपा नहीं है कि जंगलों और संसाधनों को माफिया को सौंप दिया गया था। बुंदेलखंड के साथ इन लोगों ने जिस तरह का व्यवहार किया उसे यहां के लोग नहीं भूलेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, नलकूप और हैंडपंप के नाम पर बहुत कुछ कहा और किया गया लेकिन पहले की सरकारों ने यह नहीं बताया कि भूजल के अभाव में पानी कैसे उपलब्ध कराया जा सकता है।

अब जब माफिया (तत्वों) के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो कुछ लोग हंगामा कर रहे हैं। लेकिन वे कुछ भी करने की कोशिश करें, यूपी और बुंदेलखंड का विकास नहीं रुकेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, सवाल यह है कि यह क्षेत्र, जो अतीत में जल संरक्षण के लिए एक उदाहरण था, पलायन और पानी से संबंधित समस्याओं का केंद्र कैसे बन गया।

लोग यहां अपनी बेटियों की शादी करने के लिए तैयार क्यों नहीं थे और यहां की बेटियां चाहती थीं कि उनकी शादी उन इलाकों में हो जहां पानी है? उन्होंने पूछा।

परिवारवादी (वंशवादी) सरकारों पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने यूपी के अधिकांश गांवों को दशकों तक प्यासा रखा लेकिन कर्मयोगियों की सरकार ने दो साल में 30 लाख लोगों को नल का पानी दिया, मोदी ने योगी आदित्यनाथ सरकार के काम की सराहना की। उन्होंने कहा, परिवारवादीयों की सरकारों ने बच्चों और बेटियों को पीने के पानी की सुविधा से वंचित रखा लेकिन डबल इंजन वाली सरकार ने स्कूलों में अलग शौचालय बनवाए।

उन्होंने कहा कि उन्होंने किसानों के नाम पर घोषणाएं कीं, लेकिन उन तक एक पैसा नहीं पहुंचा। तालाबों के नाम पर रिबन काटे गए लेकिन तटबंधों की खुदाई के काम में कमीशन लिया गया और सूखा राहत कार्यों में भ्रष्टाचार था।


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