गौमूत्र या गोमूत्र की खरीद करने वाला छत्तीसगढ़ आज देश का पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली तिहार के मौके पर छत्तीसगढ़ में गौमूत्र की खरीद शुरू की। इस पहल की शुरुआत सीएम ने शुक्रवार को सीएम हाउस में आयोजित भव्य हरेली उत्सव कार्यक्रम में की।

सीएम बघेल ने न केवल पहल शुरू की बल्कि राज्य में गोमूत्र के पहले विक्रेता भी बने। उन्होंने चांदखुरी के निधि स्वयं सहायता समूह को 5 लीटर गौमूत्र 20 रुपये में बेचा। आगे यह राशि मुख्यमंत्री के अनुरोध पर निधि स्वयं सहायता समूह द्वारा प्रतीकात्मक रूप से मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करायी गयी।

इस पहल के तहत छत्तीसगढ़ 4 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से गौमूत्र खरीद रहा है। यह पहल बघेल सरकार द्वारा किसानों और ग्रामीणों से गोबर खरीदने के लिए इसी तरह के एक और कदम का अनुसरण करती है। कार्यक्रम के दौरान आज बघेल ने प्रार्थना में भाग लिया और राज्य की समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हुए कृषि उपकरण और औजारों की पूजा की।

राज्य सरकार द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, सीएम ने एक गाय को चारा भी खिलाया और उसकी पूजा की। राज्य सरकार ने इस अवसर का उपयोग जैविक उर्वरकों के उत्पादन के लिए राज्य के 7,442 महिला स्वयं सहायता समूहों के बीच 17 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन (बोनस) राशि वितरित करने के लिए भी किया।

कार्यक्रम में बोलते हुए बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना के बहुआयामी सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए देश के कई राज्यों ने इस योजना को अपनाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत समाज के हर वर्ग के लोग गौठान में दो रुपये किलो गोबर बेच रहे हैं। उपलब्ध कराए गए विवरण के अनुसार, राज्य ने गोधन न्याय योजना के माध्यम से पिछले 2 वर्षों में गाय के गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों और महिला समूहों से 300 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के गोबर की खरीद की है।


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