6-14 वर्ष की आयु के बीच के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा भारत में एक मौलिक अधिकार है और यह संविधान के अनुच्छेद 21-ए में निहित है। यह एक सार्वजनिक भलाई है। सभी सरकारें इसे सुनिश्चित करती हैं। आप कोई अहसान नहीं कर रही है। मालवीय ने ट्वीट किया, "रेवडी" वोट के लिए लोगों के कर के पैसों को बर्बाद क्र रही है।
केजरीवाल ने अपने ट्वीट में जोर देकर कहा कि अगर हर भारतीय को अमीर बनना है तो भारत के हर बच्चे को मुफ्त शिक्षा देनी होगी। यह ध्यान दिया जा सकता है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावों से पहले राजनीतिक दलों द्वारा बनाई गई 'रेवड़ी' या मुफ्त की संस्कृति पर बार-बार हमला किया है।
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