
हमले के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री फडणवीस ने वरिष्ठ भाजपा मंत्री गिरीश महाजन को जम्मू-कश्मीर प्रशासन से समन्वय के लिए श्रीनगर भेजा। इसके साथ ही भाजपा नेता आशीष शेलार और मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा मुंबई एयरपोर्ट पर मौजूद रहे, ताकि कश्मीर से लौट रहे पर्यटकों और मृतकों के पार्थिव शरीर को रिसीव किया जा सके। वहीं पुणे एयरपोर्ट पर राज्य मंत्री माधुरी मिसाळ को तैनात किया गया।
उधर, उपमुख्यमंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) प्रमुख एकनाथ शिंदे ने अलग रास्ता अपनाते हुए बुधवार शाम एक विशेष विमान से सीधे श्रीनगर का दौरा किया। रवाना होने से पहले उन्होंने अपने गुट के मंत्री—दादा भुसे, गुलाबराव पाटिल और योगेश कदम—को मुंबई एयरपोर्ट और प्रकाश अर्बिटकर को पुणे एयरपोर्ट पर तैनात किया, जो भाजपा के कदमों की हूबहू नकल माने जा रहे हैं।
श्रीनगर में शिंदे ने हमले में घायल रायगढ़ जिले के पनवेल तालुका निवासी सुबोध पाटिल से मुलाकात की और उनकी चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी ली। शिंदे ने कहा, “मेरा उद्देश्य सिर्फ महाराष्ट्र के पर्यटकों को भरोसा देना और उन्हें सुरक्षित घर लाना था।” उनके अनुसार, उन्होंने 70 पर्यटकों को विशेष विमान से मुंबई भिजवाया और गुरुवार को दो और फ्लाइट्स की व्यवस्था की, जिनसे कुल 183 लोग महाराष्ट्र लौटे।
इस घटनाक्रम पर शिवसेना नेताओं ने भाजपा पर गठबंधन सहयोगियों के साथ समन्वय नहीं करने का आरोप लगाया। एक शिवसेना नेता ने The Indian Express को बताया, “अगर भाजपा ने पहले से सभी सहयोगियों को विश्वास में लेकर भूमिका तय की होती, तो यह तालमेल की कमी उजागर न होती।”
यह पहली बार नहीं है जब महायुति गठबंधन में भाजपा और शिंदे गुट के बीच तनाव सामने आया हो। इससे पहले भी शिवसेना आरोप लगा चुकी है कि भाजपा ने शिंदे को नजरअंदाज कर अजीत पवार को तरजीह दी, जिससे सत्ता संतुलन बिगड़ा।
यह प्रकरण एक बार फिर से महाराष्ट्र की अस्थिर राजनीतिक जमीन पर महायुति सरकार की नाजुक स्थिति को उजागर करता है।