भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को डेनमार्क पहुंचा। कोपेनहेगन में भारत के राजदूत मनीष प्रभात ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया।

इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि डेनमार्क की ओर से दिए गए बयान यह दर्शाते हैं कि वे भारत के साथ खड़े हैं। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले को “क्रूर और बर्बर साम्प्रदायिक आतंकवाद” करार दिया और कहा कि यूरोप ने भी ऐसे हमले देखे हैं।
"डेनमार्क की टिप्पणियों से यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए मिशन का असर हो रहा है," अकबर ने कहा।

एम.जे. अकबर ने पाकिस्तान को "दोहरी सोच वाला देश" बताया और कहा,
"यहां तक कि आपके शुभचिंतक भी आपसे पूछते हैं कि पाकिस्तान से बात क्यों नहीं करते? उन्हें बताइए कि पाकिस्तान की सरकार के दो चेहरे हैं – किससे बात करें? उनकी जुबान दोहरी है – किस जुबान को संबोधित करें? जब जुबान ज़हर से भरी हो, तो बात करने से केवल धोखा ही मिलेगा। लेकिन अब हमारे पास एक ऐसा नेता है जिसने इस धोखे को उजागर किया है – नरेंद्र मोदी। इतने प्रयास किसी और नेता ने नहीं किए कि पाकिस्तान जैसे 'आनुवंशिक विकृति' वाले देश को रास्ते पर लाया जा सके।"

प्रतिनिधिमंडल में रविशंकर प्रसाद के अलावा भाजपा सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, एम.जे. अकबर, गुलाम अली खटाना और सामिक भट्टाचार्य, कांग्रेस के अमर सिंह, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की प्रियंका चतुर्वेदी और पूर्व राजनयिक पंकज सरन शामिल हैं।

यह प्रतिनिधिमंडल यूरोप के देशों—जैसे फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, यूरोपीय संघ, इटली और डेनमार्क—के नेताओं से मुलाकात कर 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया और सीमापार आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को स्पष्ट करने का कार्य कर रहा है।


Find out more: