केंद्र की ओर से जारी रिपोर्ट में दिल्ली के जिन 11 स्थानों से लिए गए पेयजल के सैंपल फेल हुए हैं, अमर उजाला की टीम ने रविवार को उनका दौरा कर पानी का सच जानने का प्रयास किया। बुराड़ी, विश्वास नगर, अशोक विहार और सोनिया विहार में पता चला कि कुछ जगहों पर अब भी गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है। कुछ इलाके ऐसे भी हैं, जहां पानी साफ तो दिख रहा है, लेकिन बदबू की वजह से पीने लायक नहीं है।


water pollution


पेयजल से होती है पेट दर्द की शिकायत
बुराड़ी की बाबा कॉलोनी की गली नंबर 9 में रहने वाली मधु देवी ने कहा कि पानी पीने से पेट दर्द की शिकायत होती है। डॉक्टरों का भी कहना है कि पीने के लिए बोतलबंद पानी ही इस्तेमाल करें। प्रियंका ने बताया कि बदबू की वजह से सप्लाई के पानी का पीने के लिए इस्तेमाल नहीं करती हैं। विश्वास नगर निवासी राजकुमार धीगान, सन्नी मक्कड़ ने बताया कि अब भी गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है। कई बार पानी इतना गंदा होता है कि पीना तो दूर, दूसरे कामों में भी इस्तेमाल नहीं किया जाता। पीने के पानी की समस्या गर्मियों से चल रही है। गर्मियों में पानी की किल्लत रही तो बारिश के बाद गंदे पानी की समस्या खत्म नहीं हुई है।


पानी से आती है सीवर जैसी बदबू
अशोक नगर की अंजू ने बताया कि करीब दो महीने पहले उनके घर से सैंपल लिया गया था तो पानी बेहद गंदा आ रहा था। अब भी हफ्ते में एक दिन गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है। पानी में सीवर की बदबू आती है। इसी क्षेत्र में रहने वाली संजू शर्मा ने बताया कि पानी थोड़ा ठीक है, लेकिन अधिकतर घरों में पीने के लिए बोतलबंद पानी या फिल्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है।


हैंडपंप से आता दूषित पानी


सप्लाई का पानी नहीं है पीने लायक
बुराड़ी के एक अपार्टमेंट में रहने वाले दीपक कुमार रॉय ने बताया कि उनके घर से सैंपल लिया गया था। पानी में गंदगी के साथ-साथ कुछ और भी रसायनों के होने की भी आशंका है। बुराड़ी के कमला विहार निवासी नेहा ने बताया कि दो दिन में एक दिन पानी की आपूर्ति होती है। सप्लाई वाला पानी पीने लायक नहीं होता। सोनिया विहार में जिस घर से सैंपल लेकर जांच की गई, वह घर बंद मिला। उधर, दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक सोनिया विहार का प्लांट आधुनिकतम है। न्यू अशोक नगर के कुछ घरों में पानी इतना गंदा है कि उसे पीने नहीं, कपड़े धोने या टॉयलेट में इस्तेमाल किया जाता है। यहां की निवासी बबली के मुताबिक, गंदे पानी की आपूर्ति के कारण पीने के लिए बाहर से पानी मंगवाते हैं। कभी-कभी दूसरे काम के लिए सप्लाई के पानी का इस्तेमाल करते हैं। कई इलाकों में पानी में गंदगी के कारण न तो इसका पीने में इस्तेमाल होता है, न ही खाना पकाने में।


जल बोर्ड उपाध्यक्ष ने सैंपल रिपोर्ट पर उठाए सवाल
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया का कहना है कि सोनिया विहार प्लांट आधुनिकतम है। यहां से ट्रीटमेंट के बाद ही पानी की आपूर्ति होती है। अगर किसी भी तरह के प्रदूृषक तत्व एक फीसदी भी हों तो पानी की आपूर्ति नहीं की जाती। केंद्र की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए मोहनिया ने कहा कि जल संसाधन मंत्री, एमसीडी और मुंबई की संस्था नीरी की रिपोर्ट में ऐसी कमियां सामने नहीं आई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के मुताबिक पानी की आपूर्ति की जा रही है। शनिवार को जारी रिपोर्ट किस पर आधारित है, यह कुछ पता नहीं है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग एजेंसियों की रिपोर्ट कैसे अलग हो सकती है। सप्लाई के पानी में कैल्शियम, एल्यूमिनियम, मैगनीज, आयरन, क्लोरीन, नाइट्रेट, डिटर्जेंट, क्लोराइड, फेनोलिक कंपाउंड, टीडीएस के अलावा पीएच वैल्यू भी मानक के मुताबिक नहीं है। पानी में खनिज लवण, धातु, रसायन और टीडीएस सहित विषाणु मानक के मुताबिक नहीं होने पर यह पीने लायक नहीं होता। इसकी वजह से कई बीमारियों का भी खतरा रहता है। पहले ही पानी में अमोनिया की अधिकता से दिल्लीवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञ मनु बताते हैं कि ये रसायन पानी के साथ लंबे समय तक मौजूद रहेंगे तो इंसानों में बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है।

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