सोनिया-राहुल पर सांसद की टिप्पणी थी कि विदेशी रक्त कभी देशभक्त नहीं हो सकता- यह आचार्य चाणक्य बहुत पहले कह चुके हैं। विदेशी मातृभूमि की मिट्टी की सुगंध व पवित्रता को पहचानने की शक्ति ही नहीं रखते।
रविवार को अपने शांतीनगर स्थित आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए हरनाथसिंह जहां सोनिया, राहुल, ओवैसी के प्रति खासे सख्त दिखाई दिये। वहीं अखिलेश, मायावती, ममता बनर्जी व अरविन्द केजरीवाल जैसे विपक्षी नेताओं के विषय में उनका मानना था कि ये वे नेता हैं जिनकी दुकानें 2014 से मोदी जी ने बंद कर दी हैं। सांसद के अनुसार नेता सोनिया-राहुल व ओवैसी की श्रेणी में तो नहीं आते। किन्तु ये लोग एक वर्ग विशेष के वोटों की चाहत में आम आदमी के मुद्दे उठाने की जगह इस प्रकार की राजनीति कर रहे हैं।
भाजपा सांसद ने शाहीन बाग पर प्रधानमंत्री मोदी के कथन को उद्धृत करते हुए दोहराया कि शाहीन बाग या दिल्ली दंगे संयोग नहीं प्रयोग हैं। सांसद का आरोप था कि दंगों के पीछे अंतर्राष्ट्रीय साजिश तो है ही, देश के अनेक लोग भी इसमें गहरे तक जुड़े हैं।
सांसद हरनाथ सिंह का सवाल था कि दंगों के बाद घटनास्थल से मिले पत्थर, गुलेल के प्रयोग व हथियार क्या स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त नहीं कि माहौल में ये चीजें अनायास नहीं आईं। इन्हें सुनियोजित गृहयुद्ध की तैयारी के तहत वहां लाया गया था।
सांसद का मानना था कि मुसलमानों का यह वर्ग चाहता है कि भारत में उनका 800 साल पहले का इस्लामिक शासन फिर हो जाय। इसके लिए वे गृहयुद्ध की तैयारियां कर रहे हैं। अन्यथा सीएए या जनगणना जो हर 10 वर्ष बाद होती ही है, का विरोध करना, उस प्रस्तावित कानून का विरोध करना जो मुसलमानों सहित भारत के किसी भी नागरिक के खिलाफ नहीं, लोगों को बरगलाना तो महज एक बहाना है।
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